त्रेता युग में जन्मे भगवान श्री हरि के अवतार मर्यादा पुरुषोत्तम राम नाम में वो शक्ति है जो जीवन की नैया पार कराने के लिए काफी है.
सिर्फ राम का नाम जपने मात्र से जीवन की सारी समस्या खत्म हो जाती है.
भगवान श्री राम ने हमेशा सच्चाई के मार्ग पर चलते हुए हर उन कार्यो को किया जिसे करना एक साधारण मनुष्य के वश की बात नहीं. त्याग और बलिदान की प्रतिमूर्ति भगवान श्रीराम ने त्रेता युग में विषम परिस्थितियों में रहते हुए भी रावण जैसे दानव का अंत किया और अयोध्या में राम राज्य की स्थापना कर एक नई प्रतिमान को स्थापित किया.
भगवान श्रीराम की चर्चा सदियों बाद कलयुग में भी होती रहती है.
वैसे तो भगवान श्री राम के चरित्र से सीखने को इतने कुछ हैं की उसकी चर्चा कर पाना भी हम आम मनुष्य के लिए मुश्किल होगा.
लेकिन भगवान श्रीराम की बातें ऐसी हैं जो आज के समय में पूरी तरह से सटीक बैठती हैं. कोई भी मनुष्य अगर भगवान श्रीराम की बातें अपने जीवन में शामिल कर लें तो वो किसी भी समस्या का समाधान निकाल सकता है और विषम परिस्थितियों का भी सामना आसानी से कर सकता है.
भगवान श्रीराम की बातें –
1 – जीवन में मर्यादा का पालन
अगर कोई मनुष्य अपने जीवन में मर्यादा का पालन करते हुए जिंदगी जिए तो उसे जीवन में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी. भगवान श्रीराम का सारा जीवन मर्यादा में रहकर ही गुजरा. इसलिए तो भगवान श्री राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है.
2 – पद की गरिमा बनाए रखें
आप भले हीं किसी भी पद पर हों, लेकिन अगर आप अपनी गरिमा में रहकर हर कार्य को करते हैं तो हर तरफ आपकी प्रशंसा हीं होती है. जिस तरह भगवान श्री राम अयोध्या के राजा थे और उन्होंने अयोध्या वासियों के द्वारा सीता जी के चरित्र पर आक्षेप लगाने पर, राज्य की जनता के कहने पर अपनी धर्म पत्नी का त्याग किया. इस पूरी घटना से आशय ये है कि अगर आप किसी सर्वोच्च पद पर होते हैं तो वहां आपको अपने पद की गरिमा का ध्यान रखना होता है. उस जगह पर आपका परिवार भी कमतर हो जाता है. वहां सिर्फ आपको ये देखना होता है कि सच्चाई किसके हक में है.
3 – एक पत्नी व्रत का पालन
माता सीता के साथ भगवान श्रीराम का विवाह हुआ. और भगवान राम ने हमेशा सीता जी को हीं अपनी अर्धांगिनी बना कर रखा. भगवान राम की तरह हीं अगर हर इंसान एक पत्नी व्रत का पालन करे तो उसकी जिंदगी काफी अच्छी गुजरेगी.
4 – परिजन की आज्ञा का पालन करना
भगवान श्री राम ने आजीवन अपने परिजनों और वरिष्ठ लोगों की आज्ञा का मान रख्खा. उसी तरह अगर हर मनुश्य अपने वरिष्ठ परिजनों और माता-पिता की आज्ञां और इच्छाओं का मान रखते हुए हर कार्य को करे, तो उसे सफलता निश्चित रूप से मिल जाती है.
दोस्तों ये है भगवान श्रीराम की बातें – भगवान राम जैसा बनना तो हम आम मनुष्य के लिए संभव नहीं. हां लेकिन उनकी कुछ अच्छाइयों को अगर हम अपने जीवन में शामिल कर लें और उसी राह पर चलें तो हमारा जीवन सफल हो जाएगा.
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…
दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…
सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…
कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…
दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…
वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…