रामायण और भगवान राम से जुड़े हुए ऐसे कई तथ्य है जो आज भी हजारों साल बाद सही साबित होते है।
और इनमे से ही एक तथ्य है रामायण काल के पत्थरों का पानी पर तैरना।
जी हाँ हम सभी जानते है कि जब भगवान राम माता सीता की खोज में गए तो पता चला की माता सीता समुद्र के उस पार लंका में है। तब वानर सेना ने श्रीराम लिखे पत्थरों से एक पूल का निर्माण किया जिसे रामसेतु कहा गया।
इस रामसेतु में जिन पत्थरों का उपयोग किया गया था वे पानी पर तैरते थे।
लेकिन रामायण काल के इन पत्थरों को आज भी कई साधू-संतो के पास और कई प्राचिन मंदिरों में पानी पर तैरते हुए देखा गया है।
हाल ही में संपन्न हुए उज्जैन सिंहस्थ में ऐसे ही एक संत के पास भी इस तरह का पानी में तैरता हुआ पत्थर देखा गया था। ये पानी में तैरता पत्थर देखने के लिए लाखों लोगों की भीड़ भी जुटी थी।
कहा जाता है कि जब विशाल वानर सेना को समुद्र के उस पार लंका ले जाने का संकट भगवान राम के सामने खड़ा हो गया, तब वे समुद्र के पास जाकर समुद्र देव से बात करने लगे। तब समुद्र देव ने स्वयं प्रकट होकर भगवान राम को बताया कि आपकी वानर सेना में नल और नील नाम के दो वानर है। जिनको वरदान प्राप्त है कि वे कोई भी वस्तु पानी में फेंके वह डूबती नहीं है।
बस फिर क्या था सारे वानर, हनुमान, जामवंत इस महान कार्य में जुट गए।
वे पत्थर ला-लाकर नल नील को देते गए और वे दोनों राम नाम लिखकर समुद्र में पत्थर फेंकते गए। इस तरह देखते ही देखते लंका तक विशाल सेतु का निर्माण कर दिया गया। इस सेतु को रामसेतु और नल नील सेतु का नाम दिया गया।
रामायण काल के ये पत्थर आज भी रामेश्वरम में पानी में तैरते हुए देखे जा सकते है। वहीं कई साधू-संतो के पास भी इस तरह के पानी में तैरने वाले पत्थर पाए गए।
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…
दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…
सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…
कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…
दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…
वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…