विशेष

फ्लेवर्ड हुक्का पीने के इस शाही शौक की दीवानी हो गई है आज की युवा पीढ़ी !

आपने देखा होगा कि गांवों में अक्सर खटिए पर बैठकर बुजुर्ग हुक्का गुडगुडाते हैं.

वैसे बुजुर्गों द्वारा हुक्का पीने की ये परंपरा सदियों से चली आ रही है.

सालों से हुक्के को एक शाही शौक के तौर पर देखा जाता रहा है. शायद इसलिए आज के युवा भी इस शाही शौक के दीवाने हो गए हैं. तभी तो आजकल हुक्के का नशा ज्यादातर युवाओं के सिर चढ़कर बोल रहा है.

लेकिन आज की ये युवा पीढ़ी फ्लेवर्ड हुक्का पीना ज्यादा पसंद करती है. युवाओं के इस बढ़ते क्रेज के चलते देश के कई बड़े शहरों में हुक्का पार्लर धड़ल्ले से चलाए जा रहे हैं.

फ्लेवर्ड हुक्का की दीवानी है ये युवा पीढ़ी

अपनी पॉकेट मनी जोड़कर ये युवा हुक्का बार में पहुंचते हैं तो वहीं हुक्का बार के मालिक कई तरह के लुभावने ऑफर्स देकर युवाओं को अपना शिकार बना रहे हैं.

हुक्का पार्लर में कई फ्लेवर्ड हुक्का परोसा जाता है. जिनमें लेमन, सेलमॉन, ग्रीन मिंट, पाइन एप्पल, पीच, कॉकटेल, रोज, सिगार, पान मसाला, रसना, मैंगो जैसे कई फ्लेवर्स शामिल हैं.

– हुक्का पीनेवाले युवाओं को ठंडक भरा एहसास दिलाने के लिए तंबाकू में मिंट का अतिरिक्त फ्लेवर मिलाया जाता है.

मीठे और कसैले स्वाद का आनंद लेनेवाले युवाओं के लिए तंबाकू में फलों का फ्लेवर मिलाकर दिया जाता है.

हुक्के में ठंडे और गर्म का एक साथ एहसास दिलाने के लिए दो फ्लेवरों का मिश्रण कर उसका कश लिया जाता है.

रोमांटिक मूड बनाने के लिए आडू या संतरे के फ्लेवर वाला तंबाकू हुक्के में डालकर उसका कश लिया जाता है.

मैसेज के जरिए दोस्तों को बुलाते है ये युवा

बताया जाता है कि हुक्के के नशे के आदी ये युवा व्हाट्स एप के जरिए अपने दोस्तों को हुक्का पीने के लिए बुलाते हैं.

घरवालों को इस बात की भनक ना लगे इसके लिए कई बार ये लोग कोड वर्ड का इस्तेमाल करते हैं. तो कई बार सिर्फ हुक्के की तस्वीर भेजकर, उस जगह का नाम मैसेज कर देते हैं जहां हुक्का पीने के लिए जाना होता है.

युवाओं के बीच रखे कांच के हुक्के से उठता धुआं हुक्के के प्रति युवाओं के क्रेज को अच्छी तरह से बयां करता है. वैसे हुक्का पार्लर में हुक्का पीने के लिए इन युवाओं को 300 रुपये से 500 रुपये तक खर्च करने पड़ते हैं. लेकिन किसी डिस्क में फ्लेवर्ड हुक्के का आनंद लेने के लिए इन युवाओं को 200 से 2000 रुपये तक खर्च करने पड़ सकते हैं.

गौरतलब है कि ज्यादातर स्कूली बच्चे हुक्के के नशे की चपेट में हैं. जबकि कॉलेज जानेवाले युवा इसे शाही शौक मानकर इसका नशा करना पसंद करते हैं. फ्लेवर्ड हुक्का क्रेज इन युवाओं के सिर इस कदर चढ़ा हुआ है कि वो कई बार स्कूल और कॉलेज बंक करके दोस्तों के साथ हुक्का पीने के लिए हुक्का बार पहुंच जाते हैं.

Anita Ram

Share
Published by
Anita Ram

Recent Posts

इंडियन प्रीमियर लीग 2023 में आरसीबी के जीतने की संभावनाएं

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…

2 months ago

छोटी सोच व पैरो की मोच कभी आगे बढ़ने नही देती।

दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…

3 years ago

Solar Eclipse- Surya Grahan 2020, सूर्य ग्रहण 2020- Youngisthan

सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…

3 years ago

कोरोना के लॉक डाउन में क्या है शराबियों का हाल?

कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…

3 years ago

क्या कोरोना की वजह से घट जाएगी आपकी सैलरी

दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…

3 years ago

संजय गांधी की मौत के पीछे की सच्चाई जानकर पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक जाएगी आपकी…

वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…

3 years ago