20% काम करता है डॉल्फिन का दिमाग
डॉल्फिन मछली का दिमाग इंसानों के दिमाग से दोगुना ज्यादा यानि 20 फीसदी काम करता है. ये मछलियां जितने गहरे पानी में रहती हैं उनकी समझ में भी उतनी ही ज्यादा गहराई होती है.
डॉल्फिन की दिमागी क्षमता को जानने के लिए उनपर वैज्ञानिकों ने कई शोध भी किए हैं. जिसमें वैज्ञानिकों ने पाया कि इन मछलियों का दिमाग इंसानों से तेज़ चलता है और इंसानों के बाद अगर किसी की याददाश्त लंबी है तो वो है डॉल्फिन मछली की.
डॉल्फिन आवाज और सीटियों के ज़रिए एक दूसरे से बात करती हैं. यह 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तैर सकती है.
डॉल्फिन 10-15 मिनट तक पानी के अंदर रह सकती है लेकिन वह पानी के अंदर सांस नहीं ले सकती. उसे सांस लेने के लिए पानी की सतह पर आना पड़ता है.
गौरतलब है कि इंसान और मछलियों के दिमाग के रहस्य को जानने के लिए इसपर लगातार कई तरह के अध्ययन होते आ रहे हैं और इस विषय पर कई फिल्में भी बन चुकी हैं.
कई शोध के नतीजों पर गौर करें तो ये पता चलता है कि इंसानों से ज्यादा तेज दिमागवाली होती हैं डॉल्फिन मछलियां.