पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक कहा जाता है कि भगवान ब्रह्मा इस सृष्टि के रचयिता है.
मानव जीवन की उत्पत्ति भी उन्होंने ही की है. लेकिन मन में सवाल उठता है कि ब्रह्मा की बनाई हुई इस दुनिया में जन्म लेनेवाला सबसे पहला मानव आखिर कौन था और उसको किसने जन्म दिया.
हालांकि इन सवालों का जवाब कई धार्मिक किताबों में मिलता है लेकिन वो सारे जवाब तथ्यों पर आधारित हैं. पर इनमें कितनी सच्चाई है इसका पता लगाना मुश्किल है.
हिंदु मान्यताओं के मुताबिक इस धरती पर मानव जाति का आरंभ मनु से हुआ था और मनु की उत्पत्ति स्वयं ब्रह्मा ने की थी.
लेकिन पुराणों में मनु की उत्पत्ति को लेकर अलग-अलग तरह की कहानियां बताई गई है.
पहला मानव – उत्पत्ति
संसार का पहला मानव स्वयंभुव मनु को माना जाता है, जबकि स्त्री थीं शतरूपा.
कहा जाता है कि भगवान ब्रह्मा ने जब 11 प्रजातियों और 11 रुद्रों की रचना की, तब अंत में उन्होंने स्वयं को दो भागों में विभक्त कर लिया. पहला भाग मनु के रूप में और दूसरा शतरूपा के रूप में प्रकट हुआ. कहते हैं कि ब्रह्मा ने प्रजापतियों को प्रकाश से, रुद्रों को अग्नि से और स्वायंभुव मनु को मिट्टी से बनाया था.
मनु से बना मानव
संसार में आने वाला सबसे पहला मानव मनु था. इसलिए इस जाति का नाम ‘मानव’ पड़ गया. संस्कृत में इसे मनुष्य कहा जाने लगा और अंग्रेजी भाषा में भी मिलते-जुलते नाम ‘मैन’ का प्रयोग हुआ.
यह सभी नाम पहले मनुष्य मनु से ही जुड़े हुए हैं.
क्या कहती है पौराणिक कथा ?
पुराणों के मुताबिक एक बार ब्रह्मा जी अपने कुछ कार्यों में व्यस्त थे. अचानक उनके भीतर से एक काया उत्पन्न हुई और उनके सामने आकर खड़ी हो गई. वह कोई मामूली काया नहीं थी बल्कि हूबहू उनके जैसी दिखनेवाली परछाईं थी.
उस परछाईं को देख कुछ देर तक तो भगवान ब्रह्मा समझ ना सके कि उनके साथ आखिरकार हुआ क्या है. आगे जाकर यही मानव संसार का पहला मानव कहलाया. जिसे स्वयंभु मनु के नाम से भी जाना जाता है.
एडेम के जन्म की कहानी
जैसे हिंदु मान्यता के मुताबिक भगवान ब्रह्मा के शरीर से मनु की उत्पत्ति हुई, ठीक वैसे ही बाइबल में भी ईश्वर के शरीर से एक परछाईं ने जन्म लिया था. यह परछाईं मनु की तरह ही ईश्वर की छाया थी और उन्ही की तरह दिखती थी. बाइबल में इस परछाई यानी कि पहले मनुष्य को ‘एडेम’ का नाम दिया गया.
इन दोनों कथाओं से यह पता चलता है कि मनु ही वह पहला मानव था जिसने मनुष्य के रूप में धरती पर जन्म लिया.
जन्म के बाद समानता
इन सभी तथ्यों पर गौर करें तो पुराण में मनु और शतरुपा के जन्म को लेकर कुछ असमानताएं देखी गई. वहीं बिना किसी गर्भ द्वारा इस संसार में आने की बात पुराण के तथ्य से मिलती जुलती है.
पुराण के अनुसार मनु तथा शतरूपा के जन्म के बाद भगवान ब्रह्मा द्वारा उन्हें धरती पर मानवीय संसार को स्थापित करने का आदेश दिया गया था.
ठीक उसी तरह एडेम के जन्म के बाद धरती पर मानवीय संसार को स्थापित करने की कहानी का ज़िक्र बाइबल में मिलता है.
बहरहाल धरती के पहले मनुष्य मनु के जन्म से लेकर उसके विस्तार तक की कई अलग-अलग कहानियां सुनने को मिलती है, जो रोचक होने के साथ ही हैरत में डालने वाली हैं.
लेकिन इन कहानियों में छुपे तथ्य ही मानव जाति से जुड़े इतिहास को हमारे सामने उजागर करने में हमारी मदद करते हैं.
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…
दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…
सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…
कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…
दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…
वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…