मानवेंद्र सिंह गोहिल – सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए समलैंगिक संबंधों को अपराध की कैटेगरी से हटा दिया.
कोर्ट ने दो एडल्ड के बीच सहमति से बनाए गए समलैंगिक संबंधों को अपराध मानने वाली धारा 377 से बाहर कर दिया यानी हमारे देश में अब गे संबंध अपराध नहीं रहे. आज हम आपको बताने जा रहे हैं देश के एक ऐसे राजकुमार के बारे में जिसने सबके सामने अपने गे होने की बात कबूलने की हिम्मत दिखाई थी.
हम बात कर रहे हैं गुजरात के राजकुमार मानवेंद्र सिंह गोहिल की. गुजरात के एक राजघराने में राजकुमार मानवेंद्र सिंह गोहिल का जन्म हुआ था, मगर शाही परिवार में जन्म लेने के बाद भी उनकी ज़िंदगी आसान नहीं रही. आपको बता दें कि वो शाही परिवार से इकलौते ऐसे शख्स थे जिन्होंने सार्वजनिक तौर पर अपने ‘गे’ होने की बात स्वीकार की थी. हालांकि इसके बाद परिवार ने उन्हें अलग कर दिया था. गुजरात के महाराज राजपीपला के बेटे मानवेंद्र को कई सालों तक अपनी सेक्सुअलिटी छिपाकर रखनी पड़ी, क्योंकि हमारे देश में गे होना अपराध माना जाता है.
ऐसे में मानवेंद्र गोहिल को दोहरी जिंदगी जीनी पड़ी. गे होने के बावजूद 1991 में परिवार के दबाव में उन्होंने मध्य प्रदेश के झाबुआ की राजकुमारी से शादी कर ली. मगर उनकी शादी ज़्यादा दिन टिक नहीं पाए, क्योंकि मानवेंद्र ने अपनी सेक्सुअल ओरिएंटेशन के बारे में पत्नी को सब कुछ सच-सच बता दिया. शादी के एक साल बाद ही उनकी पत्नी ने तलाक दे दिया, मगर उसने मानवेंद्र के गे होने की बात किसी से कही नहीं.
मगर मानवेंद्र अपने गे होने की बात अपने पैरेंट्स को न बता पाएं, हालांकि साल 2002 में प्रिंस मानवेंद्र का जब नर्वस ब्रेकडाउन हुआ और उन्हें हॉस्पिटल ले जाया गया, तो यहां सायकायट्रिस्ट ने उनके माता-पितो को बता दिया कि उनका बेटा गे है. इसके बाद प्रिंस के माता-पिता ने उस पर ये बात छुपाए रखने का दवाब बनाया. इतना ही नहीं उन्होंने मेडिकल और धार्मिक दोनों ही तरीकों से बेटे का ‘इलाज’ कराने की भी कोशिश की.
मगर माता-पिता का दवाब काम नहीं आया और राजकुमार ने सार्वजनिक तौर पर अपने गे होने की बात स्वीकार कर ली. दुनिया भर में यह खबर चर्चा का विषय बन गई. राज्य में लोगों ने उनके पुतले जलाए. माता-पिता ने बेटे को जायदाद से बेदखल करके सारे रिश्ते तोड़ लिए. एक इंटरव्यू में प्रिंस ने कहा था, “भारत में सार्वजनिक तौर पर खुलकर आना बहुत ही मुश्किल है. समाज और घरवाले यह बात स्वीकार ही नहीं करने देती है. पैरेंट्स अपने बच्चों को ब्लैकमेल करना शुरू कर देते हैं और विपरीत लिंग के शख्स से शादी करने को मजबूर कर देते हैं. कई लोग मुझे बताते हैं कि उन्हें पैरेंट्स ने जान से मारने की धमकी दी है. कई ऐसे लोग हैं जो अपनों के डर के चलते शादी के बंधन में बंध जाते हैं.”
बाद में मानवेंद्र सिंह ने अपनी चैरिटी शुरू की और लंबे समय से वो एड्स की रोकथाम के लिए काम कर रहे हैं. अपने गे होने की बात सबके सामने स्वीकार करने आसान नहीं होता वो भी भारत जैसे देश में, ऐसे में मानवेंद्र ने वाकई साहस का काम किया है.
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