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आर्थिक तौर पर गरीब थे, लेकिन खेल में अमीर थे

MS Dhoni

भारतीय टाम ने वर्ल्ड कप के क्वार्टर फाइनल मुकाबले में गुरुवार को बांग्लादेश को 109 रनों से हराकर, आसानी से वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में जगह बना ली है. यह भारत की सातवीं जीत है, और अपने सभी मैचों में टीम इंडिया, विपक्षी टीम के 10 विकेट लेने में सफल रही है. इसके अलावा धोनी और टीम लगातार मैच जीतने का रिकॉर्ड भी बनाती जा रही है. अब टीम इंडिया विश्व कप की जीत से बस दो कदम ही दूर है.

भारतीय टीम का सभी मैचों में प्रदर्शन बेहतरीन रहा है. लेकिन जीत में मुख्य रूप से कुछ खिलाडियों ने ना सिर्फ भारत बल्कि विश्व का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है. इस विश्व कप में हमारी टीम, पिछले विश्व कप से एक दम अलग है. यहाँ अनुभव बेशक कम है, लेकिन युवा शक्ति ज्यादा है. विश्व कप 2015 में कुछ खिलाड़ी ऐसे भी हैं, जो बहुत बड़े घरानों से नहीं आये हैं, एक कठिन संघर्ष के बाद अपना मुकाम, इन्होनें खुद तैयार किया है.

आइये पढ़ते हैं ऐसे ही कुछ नामों के बारे में-

महेंद्र सिंह धोनी

धोनी पर बेशक आज काफी पैसा आ चुका है, लेकिन एक दौर में धोनी गरीब परिवार से ताल्लुक रखते थे. इनके पिताजी श्री पण सिंह मेकोन कंपनी के जूनियर मैनेजमेंट वर्ग में काम करते थे. एक दौर में इनके पास क्रिकेट को खेलने तक का पैसा नहीं होता था.

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Mahendrasingh Dhoni

 

मोहम्मद शामी

पश्चिमी उत्तर से संबंध रखने वाले शामी, विश्व कप 2015 में अपने खेल से सभी को आश्चर्यचकित कर चुके हैं. उछाल भरी पिचों पर पहले भारतीय गेंदबाज़ इतना अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते थे. मोहम्मद शामी एक भारतीय किसान के बेटे हैं.गाँव में उनके घर के पीछे क़ब्रिस्तान है और इसी क़ब्रिस्तान की खाली ज़मीन इनके लिए पहला खेल का मैदान भी बनी थी.

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Mohhamad Shami

 

उमेश यादव

क्वाटर फाइनल में बेहतरीन खेल दिखा भारत को सेमी फाइनल में पहुँचाने वाले उमेश यादव के पिता उत्तरप्रदेश के एक गांव में कोयले की खदान में कभी काम करते थे और इनका लालन-पालन नागपुर के पास एक गांव में हुआ. क्रिकेट से पहले यह पुलिस की नौकरी करना चाहते थे. घरलू क्रिकेट में इनको विदर्भ जैसी कमजोर टीम के चुना गया था. लेकिन आज अपनी मेहनत के दम पर, उमेश विश्व कप में खेल रहे हैं.

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Umesh Yadav

 

रविंद्र जडेजा

रविंद्र जडेजा बेहद गरीब परिवार से हैं. उनके पिता वॉचमैन थे और बहन नर्स है. उनकी मां का निधन 2005 में हो गया था.

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Ravindra Jadeja

 

रोहित शर्मा

रोहित की स्कूली शिक्षा मुंबई में हुई. परिवार कुछ आर्थिक रूप से ज्यादा सशक्त नहीं था, लेकिन रोहित पर एक दिन पढ़ाई के दौरान ही बोरिवली के मशहूर स्कूल स्वामी विवेकानंद इंटरनेशनल स्कूल के क्रिकेट कोच, दिनेश लाड की नजर पड़ी. स्कूल मंहगा था, माता-पिता के हाथ में, रोहित को यहाँ पढ़ाना संभव नहीं था. रोहित को बाद में कोच की वजह से ही दाखिला भी मिला और स्कॉलरशिप भी.

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Rohit Sharma

हम उम्मीद करते हैं कि आगे भी हमारे देश में इसी तरह के खिलाड़ी क्रिकेट में आते रहेंगे और देश का नाम रोशन करते रहेंगे.

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क्रिकेट · खेल