स्कूल खत्म और कॉलेज शुरू होने पर जिंदगी में बहुत से बदलाव आ जाते है.
हम खुद को बड़ा महसूस करने लगते है. नए दोस्त नयी दोस्ती, मस्ती और साथ में जिम्मेदारियां भी.
स्कूल के समय तो ना ज्यादा खर्च होता है ना खर्च की चिंता. लेकिन कॉलेज में खर्चे भी बढ़ जाते है और घर से ज्यादा पैसा लेना भी बुरा लगता है. ऐसे में फाइनेंस का प्रबंधन करना बहुत ज़रूरी हो जाता है.
आज आपको बताते है कॉलेज विद्यार्थियों के लिए फाइनेंस प्रबंधन के कुछ आसान तरीके जिन्हें अपनाकर आपको महीने के आखिर में भी कभी पैसे की किल्लत महसूस नहीं होगी.
बजट बनाना
जब आप पैसे बचाते है उस समय आप पैसा कमाते भी है. वारेन बफेट की कही ये बात सौ प्रतिशत सही है. पैसा तभी बचेगा जब उसका सही प्रबंधन होगा. बजट बनाकर आप अपने रोज़मर्रा के और महीने भर में होने वाले बड़े खर्च का हिसाब रख सकते है. इससे आपको पैसा खर्च करने में आसानी होगी. आपको पता होगा कि महीने की शुरुआत में आपके पास कितना पैसा है और महीने के अंत तक आपको कितने पैसे की ज़रूरत पड़ेगी जिससे आप बिना किल्लत के पूरा महिना आराम से निकाल सके.
इच्छा और आवश्यकता में फर्क करना
महीने में चार बार बहार खाना खाना आपकी आवश्यकता है या इच्छा. या फिर मोबाइल का मासिक बिल 2000 रुपये आपकी ज़रूरत है या फिर मनोरंजन. ऐसी कई छोटी बड़ी बातों पर ध्यान देकर हम अपना बहुत पैसा बचा सकते है. बाहर खाना, फिल्म देखना या फोन पर खर्च – ऐसा नहीं है कि ये सब बिलकुल बंद कर दिया जाए.
अरे भाई कॉलेज के दिन है थोडा मज़ा मस्ती तो करेंगे ही न. मज़ा मस्ती करने में कोई बुराई भी नहीं है बस ज़रा संभल कर. यारों दोस्तों को देखकर उनके जैसा करने के चक्कर में पूरे फाइनेंस और बजट की बैंड मत बजा देना.
डेबिट/क्रेडिट कार्ड का सही इस्तेमाल
अगर कॉलेज में रहते हुए आप कमा रहे है या नहीं कमा रहे दोनों ही परिस्थितियों में कार्ड का गलत इस्तेमाल ना करे. ऐसा बहुत आम है कि कार्ड स्वाइप करते समय हम ज्यादा सोचते नहीं है. इसका कारण हमारी मानसिकता है अपने हाथ से नोट देना भारी लगता है पर कार्ड से भुगतान करते समय अकाउंट से पैसा कटता है तो हम इतना ध्यान नहीं देते. ध्यान जाता है जब अकाउंट खाली हो जाता है हमारी फिजूल खर्ची की वजह से. इसलिए हमेशा ध्यान में रखें क्रेडिट और डेबिट कार्ड आपकी सुविधा के लिए है उन्हें अपनी परेशानी मत बनालें.
लोन और नयी योजनाओं का ध्यान रखना
ये उपाय खासकर उन लोगों के लिए है जो कॉलेज के समय से ही जेबखर्च के लिए कुछ काम करके पैसा कमाते है या फिर स्टूडेंट लोन पर पढने आते है. सही योजनाओं के बारे में जानकारी रखकर ऐसे लोग ना सिर्फ अपने फाइनेंस का प्रबंधन कर सकते है अपितु ये बचत आगे भी काम आ सकती है.
पुस्तकों और पढाई सम्बन्धी सामग्री पर सही खर्च
देखा जाए तो कॉलेज में सबसे बड़ा खर्च पाठ्यपुस्तक और पढाई से सम्बंधित सामग्री पर होता है. आजकल किताबों की कीमत और अन्य सामग्री की कीमत बहुत ज्यादा होती है. इस खर्च को कम करने का सबसे आसान तरीका है कि वही किताबें खरीदी जाये जो अत्यावश्यक है बाकि की किताबें पुस्तकालय या फिर इन्टरनेट से हासिल की जाये. एक और तरीका है जिससे ये खर्च कम किया जा सकता है अक्सर पूर्व छात्र अपनी किताबें औने पौने दाम या फिर बिना किसी पैसे के दे देते है. अगर इस तरह से पठन सामग्री मिल जाए तो एक बहुत बड़ा खर्च बच सकता है.
तो ये थे कुछ सरल उपाय जिनको आजमाकर आप कॉलेज से ही फाइनेंस प्रबंधन सीख सकते है और अपने खर्च पर लगाम लगा सकते है. फाइनेंस प्रबंधन की ये शुरूआती समझ आपको आगे भी काम आती है और आगे जाकर भी आप अपनी आय का उचित प्रबंध कर सकते है.
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