अधिकतर फ़िल्मों का उद्देश्य होता है आपको हँसाना, आपको एंटरटेन करना और आपको वास्तविक दुनिया से एक काल्पनिक दुनिया में ले जाना ताक़ि आप रोज़मर्रा की ज़िन्दगी से कुछ देर के लिए निजाद पा सकें!
लेकिन फिल्में समाज का आईना भी होती हैं और कई फ़िल्मकार सिर्फ़ इसलिए फ़िल्में बनाते हैं ताक़ि आपको एंटरटेन करने के साथ कुछ सोचने पर भी मजबूर कर सकें और समाज में एक बदलाव ला सकें!
हाल ही में मुंबई में हुए मामी फ़ेस्टीवल यानि मुंबई एकेडेमी ऑफ़ मूविंग इमेजेज़ फ़ेस्टीवल में कुछ ऐसी ही फ़िल्में दिखाई गयीं!
बहुत जल्द अब वो देश भर में रिलीज़ हो पाएँगी ताक़ि सभी उनका लुत्फ़ उठा सकें और एक बदलाव की दिशा में बढ़ सकें!
यह ख़ास 11 फ़िल्में हैं:
1) अलीगढ़
2010 में एक मराठी के प्रोफ़ेसर ने आत्महत्या कर ली थी क्योंकि उनके समलैंगिक यानि गे होने पर सवालिया निशान उठाये गए थे! ये फिल्म उसी बारे में है और मनोज बाजपाई और राजकुमार राओ इस फ़िल्म में बेहतरीन एक्टिंग की चमक बिखेरते नज़र आएँगे!