मानवीय संवेदनाओ से भरी फ़िल्म बनाने के लिए मशहूर गुरुदत्त की फ़िल्म साहिब बीवी और गुलाम बंगाली उपन्यास पर आधारित थी.
राजेश खन्ना की फ़िल्म सफर भी बंगाली नावेलिस्ट आशुतोष मुखर्जी की बुक पर बेस्ड थी. तो वहीं सहज अभिनय की धनी नूतन की फ़िल्म बंदिनी और सरस्वतीचंद्र भी नॉवेल पर बेस्ड थी.