मर्णिकाकर्णिका – हमारे समाज में संस्कृतिक इतिहास का एक अलग महत्व है ।
और अगर इतिहास किसी विशेष समुदाय से जुडा़ हो तो उसका महत्व उस समुदाय के लिए ओर भी बढ़ जाता है। लेकिन इतिहास की रक्षा के लिए इंसानियत को भूल जाना क्या सही है फिल्म पद्मावत जिसके बने से लेकर रिलीज तक देश भर में विरोध प्रदर्शन देखने को मिला । यहां तक कि फिल्म को लेकर चल रहे विरोधों की वजह से फिल्म का नाम तक बदलना पड़ा ।
लेकिन किसी को समझ नहीं आया कि आक्रोश का कारण क्या था और फिल्म निर्माता करणी सेना को रिलीज से पहले फिल्म क्यों नहीं दिखाना चाहते थे । लेकिन इस आक्रोश और गलतफहमी का फायदा देश की राजनीति ने जरुर उठाया और दोष गया समुदाय पर । और ऐसा ही कुछ अब एक्टर्स कंगना रौनत की फिल्म मर्णिकाकर्णिका को लेकर भी हो रहा है । जिसे लेकर राजस्थान के ब्राह्मण सुमदाय ने नाराजगी जताई है ।
ब्राह्मण सुमदाय का आरोप है कि फिल्म मर्णिकाकर्णिका में महारानी लक्ष्मीबाई का एक अग्रेंज के साथ प्रेम संबंध दिखाए गए है । जिसे समाज की भावनाएं आहत हो सकती है । खबरों के अनुसार फिल्म मर्णिकाकर्णिका की कहानी लेखिका जयश्री मिश्रा की किताब रानी पर आधारित है . जिसमें महारानी लक्ष्मीबाई का अंग्रेंज एजेंट रार्बट एलिस के साथ प्रेम व्यंग लिखा है । जयश्री मिश्रा लंदन में रहती है । उन्हें ये किताब 10 साल पहले लिखी थी । उस वक्त जयश्री ने खुद कहा था कि उनकी किताब फिक्शन इतिहास और प्रेम कथा का मिश्रण है जिसे लोगों की भावनाएं आहत हो सकती है । हालांकि ये पहली किताब नहीं है जिसमें महारानी और एक अग्रेंज के बीच प्रेम संबंध का जिक्र हो .
डेनमार्क के प्रसिद्ध लेखक और नोवलिस्ट प्रिंस माइकल जिन्हें विश्व में चरित्र पर आधारित किताबें लिखने के लिए जाना जाता है ।
उन्होंने भी अपनी किताब रानी ऑफ झांसी में इस का जिक्र किया है । प्रिंस माइकल के अनुसार ब्रिटिश दस्तावेजों में इस बात के सबूत मिलते है कि महारानी लक्ष्मीबाई का एक ब्रिटिश सैनिक के सात प्रेम संबंध थे । हालांकि किताब इस्तेमाल किया नाम काल्पनिक है । किताब के अनुसार रार्बट एलिस ने जब महारानी लक्ष्मीबाई को पहली बार देखा था तो वो उनकी मुस्कान पर मोहित हो गए थे । राबर्ट एलिस महारिनी को रोजाना घुडसवारी सिखाने ले जाया करते थे । घुड़सवारी सिखाने के दौरान रानी और राबर्ट के बीच नजदीकियां भी बढ गई ।
जिसके बारे में सिर्फ महारानी लक्ष्मीबाई की घनिष्ठ मित्र को पता था ।
लेकिन जल्द इसकी भनक ईस्ट इंडिया कंपनी को लग गई । और राबर्ट एलिस को अधिकारियों के दबाव में इस्तीफ देऩा पड़ा। और अपने देश लौटना पड़ा । किताब के अनुसार राबर्ट के वापस देश लौटने पर महारानी लश्र्मीबाई काफी उदास थी । हालांकि इस प्रेम व्यंगों के भारत के इतिहास में कोई जानकारी नहीं मिलती । भारत में महारानी लश्र्मीबाई को एक वीरांगना के रुप में देखा जाता है । जिस वजह इस तरह के सीन लोगों की भावनाओं को आहत कर सकते हैं ।
जिस वजह से फिल्म मर्णिकाकर्णिका को लेकर भी विरोध प्रर्दशन होने की संभावना है । भले ही फिल्म में सीन्स को डिजाइन करने का हक सिर्फ डायरेक्टर का होता है । लेकिन फिल्म निर्माताओं को इस बात का जरुर ध्यान रखना चाहिए कि ऐसी कोई भी चीज फिल्म में न दिखाई जाए जो किसी समुदाय की भावाऩाओं को आहत करती हो ।
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…
दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…
सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…
कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…
दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…
वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…