नेत्रहीन के लिए फुटबॉल – इस समय हर जगह फीफा वर्ल्ड कप का नशा छाया हुआ है। ये एकमात्र ऐसा टूर्नामेंट है जिसे दुनियाभर के लोग देखने आते हैं और लगभग 50 प्रतिशत दुनिया की आबादी फीफा वर्ल्डकप देखती है।
इसी बात से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि फुटबॉल विश्वकप का लोगों पर किस कदर नशा छाया हुआ है। आपको जानकर खुशी होगी कि इस बार नेत्रहीन लोग भी फुटबॉल विश्वकप का लुत्फ उठा पा रहे हैंहैं।
ब्राजील के कार्लोस
नेत्रहीन के लिए फुटबॉल –
ब्राजील में रहने वाले कार्लोस जूनिय नेत्रहीन हैं और वो सुन भी नहीं पाते हैं। इसके बावजूद वो फीफा वर्ल्डकप में अपने देश के प्रदर्शन का पूरा लुत्फ उठा पा रहे हैं। आपको बता दें कि 31 वर्षीय कार्लोस दुभाषिये के ज़रिए पूरे मैच की जानकारी रखते हैं।
क्या है दुभाषिए
दुभाषिए के ज़रिए स्पर्श संचार से मैदान के मॉडल से कार्लोस को मैच से जुड़ी हर जानकारी मिलती है। किस पोजीशन के खिलाड़ी को कब किसने आगे बढ़ाया और कौन-सी टीम हारी, ये सब जानकारी कार्लोस दुभाषिए के ज़रिए लेते हैं।
नेत्रहीन के लिए फुटबॉल की इस तकनीक की सफलता से पता चलता है कि जब भी मैक्सिको गोल करने के नज़दीक पहुंचा तो कार्लोस की भौंहे तन गईं और जब ब्राजील के खिलाडी गोल के करीब पहुंचे तो वह खुशी से उछलने लगता है। जब नेमार ने 51वें मिनट में ब्राजील की ओर से पहला गोल किया था तब तो कार्लोस ने खुशी से अपने दोस्तों को गले लगा लिया।
नेत्रहीन के लिए फुटबॉल का वीडियो हो रहा है मशहूर
एक नेत्रहीन व्यक्ति के विश्वकप देखने का कार्लोस का वीडिया दुनियाभर में मशहूर हो रहा है। इस तकनीक का वीडिया सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी इसे खूब चर्चा मिल रही है। अब तक लाखों लोग इस वीडियो को देख चुके हैं।
कैसे काम करती है नेत्रहीन के लिए फुटबॉल की तकनीक
दुभाषिए की तकनीक स्पर्श टेक्नीक है जिसके तहत कार्लोस ने अपने हाथ दुभाषिये के हाथ पर रखे जिसमें एक हाथ को गेंद माना गया और दूसरे को वो खिलाडी जिसके कब्जे में गेंद है। कार्लोस पहले की मैदान की हर पोजीशन से वाकिफ हैं। दुभाषिए ने मॉडल पर हाथों को बढ़ाकर गोल के लिए बन रहे मूव को समझाया। इस बीच दूसरे दुभाषिए ने कार्लोस की पीठ पर स्पर्श संवाद के ज़रिए यह समझाया कि कौन सी टीम है और जर्सी के नंबर से बताया कि कौन से खिलाड़ी के पास गेंद है।
इस तकनीक के बारे में कार्लोस का कहना है कि जब आप पूरी तरह से इस तकनीक का इस्तेमाल करने में सक्षम हो जाएंगें तो आप ये दिखा सकेंगें कि आप भी किसी आम इंसान की तरह मैच को देख और सुन सकते हैं। इस तकनीक से आप बड़े आराम से पूरे मैच का लुत्फ उठा सकते हैं।
नेत्रहीन के लिए फुटबॉल – आपको बता दें कि इस तकनीक का इस्तेमाल करने वाले कार्लोस हमेशा से ही नेत्रहीन नहीं थे। बचपन से वो सुन नहीं पाते थे और बधिरों की एक टीम में वो गोलकीपर थे लेकिन 14 साल की उम्र के बाद उनकी आंखों की रोशनी कम होने लगी और 23 साल की उम्र में पूरी रोशनी चली गई। इस तकनीक से कार्लोस को बहुत मदद मिली है।
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