५. जिम्मेदारी लेने से ही बदलेगी परिस्थिती.
आप अपने बुरे वक़्त या परिस्थिती को कोसे न बल्की उसकी बेहतर जिम्मेदारी ले. जब आप ऐसा करेंगे तो ही आगे परिस्थितियों के बदलने के आसार नज़र आयेंगे.
कुछ लोग होते है उनको आराम से रहने की आदत होती है. या कुछ ऐसे भी होते है जो जीवन में कुछ ख़ास पाना नहीं चाहते. दो वक़्त की रोटी खुद के लिए मिले काफी है. ऐसे में आपको कभी अधिक चीज़ की आवश्यकता पड़ती है या जलन होती है. तब जीवन को कोसने वाला सिलसिला जारी होता है.
यह सब नहीं होने देना है तो अपने जीवन का एक सुनहरा लक्ष्य तय करे. इससे काफी हद तक दुखो का निवारण होगा.