बेस्ट फ्रेंड – भारतीय फिल्मों में हीरो से ज़्यादा तव्वजो किसी और को नहीं मिलती पर असल जिंदगी में ऐसा नहीं होता ।
असल जि़ंदगी में हमारे दोस्त हमारे लिए बहुत खास होते है । तभी हमारी ज़िदंगी में कई खास मौकों पर हम उनके साथ वक्त बिताना पसंद करते । अगर आप ये सोचते है ये रूल सिर्फ लड़को की दोस्ती का ही बखान करता है तो ज़रा रूक जाइए, क्योंकि एक अध्ययन के मुताबिक महिलाएं अपने लाइफ पार्टनर या प्यार से ज़्यादा अपनी बेस्ट फ्रेंड को पसंद करती है । वो भी अपनी दोस्तो के साथ क्वालिटी टाइम बिताना पसंद करती है उनकी कम्पनी में मस्ती करना उनके दिल को भी भाता है ।
ऐसा एक सर्वे, एक स्पा कम्पनी चैम्पनीस ने किया था जिसने अपने सर्वे में पाया कि लड़कियों की असली सोलमेट उनकी बेस्ट फ्रेंड होती है उनका रोमेंटिक पार्टनर नहीं ।इस सर्वे में हिस्सा लेने वाली 50 प्रतिशत से ज़्यादा महिलाओं ने माना कि वो अपनी दोस्त ज़्यादा करीब है अपने लाइफ पार्टनर के मुकाबले ।
अगर तव्वजो देने की बात आए तो 1517 महिलाओ पर किे गए शोध में 50 प्रतिशत से ज़्यादा महिलाओं ने ये माना कि वो अपने पार्टनर से ज़्यादा तव्वजो अपनी दोस्त को देती है और उनकी वो सहेली उनकी पहली प्राथमिकता है ।
इस शोध में ऐसे बहुत से कारण सामने आए कि क्यों महिलाएं अपनी गर्लफ्रेंड को ज़्यादा अहमियत देती है जिनमें से कुछ खास कारणों को मैं यहां शामिल कर रही हूँ ।
आमतौर पर ये धारणा है कि कोई भी इंसान अपने दोस्तो से बेझिझक अपने दिल की बातें शेयर करता है और ये बात यहां भी सही साबित होती है । महिलाएं अपने दिल की बात अपनी करीबी दोस्त से बिना झिझक के बांटती है, बल्कि ऐसा वो अपने पार्टनर के साथ कम ही कर पाती है । और इसी वज़ह से महिलाएं मानती है कि उनकी करीबी दोस्त ज़्यादा बेहतर श्रोता होती है ।
अपनी दोस्त के साथ कोई भी महिला खुद को अपनी पर्सनैलिटी के ज़्यादा करीब या खुद में ज़्यादा कम्फर्टेबल पाती है जैसा वो अपने पतियों या रोमेंटिक पार्टनर के आसपास महसूस नहीं करती ।
हमारे क्राइम पार्टनर यानी दोस्तो में काफी कुछ मिलता-जुलता है वही लाइफ पार्टनर या प्रेमियों में ये समानता देखने को नहीं मिलती ।
कौन आपको बेहतर जानता है इस सवाल के जवाब में आप भी अपनी फ्रेंड को चुनती है तो आप भी उन्ही महिलाओं में से है जो मानती है उनके पार्टनर से ज़्यादा मजाकिया उनकी गर्लफ्रेंड है ।
वैसे ये जगजाहिर है कि महिलाएं पैदाइशी परामर्शदाता होती है इसीलिए इस शोध में हिस्सा लेने वाली महिलाओं का मानना है कि उनकी दोस्त उनके पार्टनर से ज़्यादा अच्छी सलाहकार होती है ।
प्यार में जनून है , पर दोस्ती में सुकुन है ए दिल है मुश्किल फिल्म का ये डायलॉग मुझे इस वक्त याद आ रहा है, क्योंकि शायद यही सुकुन है जिसकी वज़ह से हर कोई अपने दोस्तो को इतना तव्वजो देता है । वैसे यहां उन लापरवाह जीवनसाथियों को गौर करने की जरूरत जो अपनी संगिनी को अपनी तव्वजो नहीं देते, क्योंकि अगर यही हाल चलता रहा तो ये आपके रिश्ते के लिए अच्छे संकेत नहीं है ।