हर साल श्रावण मास की कृष्ण पंचमी और श्रावण मास की शुक्ल पंचमी को नागपंचमी का त्योहार मनाया जाता है।
बिहार, उड़ीसा, राजस्थान में कृष्ण पक्ष को इस त्योहार को मनाया जाता है जबकि देश के अधिकतर हिस्सों में कृष्ण पंचमी को ही नागपंचमी का त्योहार मनाया जाता है।
कब है नागपंचमी
इस साल नाग पचंमी का त्योहार 15 अगस्त, 2018 को मनाया जाएगा। इस नागपंचमी पर नागों को दूध पिलाने की परंपरा है और बताया जाता है कि ये पंरपरा सदियों पुरानी है। इस शुभ अवसर पर नागों की पूजा होती है।
नागपंचमी पर पूजा का महत्व
भविष्य पुराण के पंचमी कल्प में नागपूजा और नागों को दूध पिलाने का जिक्र किया गया है। माना जाता है कि सावन के महीने में नाग देवता की पूजा करने और नाग पंचमी के दिन उन्हें दूध पिलाने से नाग दंश का भय दूर हो जाता है।
नाग पंचमी के दिन जो व्यक्ति नाग देवता की पूजा करता है उसका घर अन्न और धन के भंडार से भर जाता है। लेकिन इसके विपरीत विज्ञान के अनुसार नागों को दूध पिलाना नुकसानकारी है।
तो चलिए जानते हैं कि नागों को दूध पिलाना फायदेमंद होता है या नुकसानदायक।
विज्ञान का दावा
विज्ञान के अनुसार सांप स्तनधारी नहीं बल्कि रेप्टाइल जीव हैं और ये जीव दूध को हजम नहीं कर सकते हैं। ऐसे में कई बार उनकी मृत्यु होने का खतरा भी रहता है। दूध पिलाने से सांव की आंत में इंफेक्शन हो सकता है। डॉक्टरों का कहना है कि सांप का पाचन तंत्र ऐसा नहीं होता कि वो दूध को हजम कर पाए। सांप एक कोल्ड ब्लडेड और मांसाहारी रेप्टाइल है बजकि दूध तो स्तनपायी जीवों को दिया जाता है। नाग को दूध पिलाकर लोग उनका नुकसान पहुंचाते हैं।
सावन के महीने में नाग पंचमी के दिन रुद्राभिषेक करने का भी बहुत महत्व है। भगवान शिच के आशीर्वाद स्वरूप नाग पृथ्वी को संतुलित करते हुए मानव जीवन की रक्षा करें, इस मान्यता के साथ भी यह पर्व मनाया जाता है।
नाग पंचमी से एक या डेढ़ महीने पहले जंगल से सांपों को पकड़ा जाता है और उसके बाद इन्हें बड़ी निमर्मता के साथ भूखा-प्यासा रखा जाता है और कई बार तो इनके दांत तक निकाल दिए जाते हैं ताकि ये किसी को डंक ना मार सकें।
एक महीने तक सांपों को इस तरह रखने के बाद सांप का शरीर सूख जाने के साथ ही उसकी मांसपेशियां भी कमजोर हो जाती हैं और इसी वजह से महीनों तक भूखा रहने के बाद नाग पंचमी के दिन सांप तेजी से सारा दूध पी जाते हैं लेकिन असल में ये उनके लिए नुकसानदायक होता है।
इससे तो बेहतर होगा कि आप किसी मंदिर में जाकर नाग के साथ शिवलिंग पर थोड़ा सा दूध अर्पित करें और बाकी का दूध किसी गरीब बच्चे या व्यक्ति को दे दें। इससे आपकी पूजा भी संपन्न हो जाएगी और पुण्य की प्राप्ति भी होगी।
ईश्वर भी कहते हैं कि दूसरों की सहायता करने और गरीब को खाना खिलान से वो प्रसन्न होते हैं तो फिर नाग को दूध पिलाने की बजाय आपको गरीबों में दान करना चाहिए।