फादर्स डे – अमूमन मां और बच्चों के रिश्ते की बात होती है, इस रिश्ते के बारे में बहुत कुछ कहा और लिखा जाता है।
लेकिन पापा और बच्चों का जो रिश्ता होता है वो भी कम खास नहीं होता, अगर मां ज़मीन हैं जो हमे हमारा वजूद देती है तो पापा वो आसमां है जिनके साये में हम खुद को महफूज़ समझते हैं, अगर मां हमे अपने आंचल में छिपा लेती है तो पापा भी हमारे एक आंसू के लिए दुनिया से लड़ जाने का भरोसा दिलाते हैं।
फादर्स डे –
जब हमारे कदम थक जाते हैं तो वो पापा ही होते हैं जो हमे संभालने के लिए हमारे पीछे खड़े होते हैं।
पापा और बच्चों का ये रिश्ता बहुत खास होता है। हर बच्चे के लिए उसके पिता उसके हीरो ही होते हैं। अगर मैं अपने पापा की बात करूं तो जिनकी दुआएं मेरे कदमों के नीचे लगती हैं वो मेरे पापा हैं, जिनके साये में मैं खुद को महफूज़ समझती हूं वो मेरे पापा हैं, मेरे आंसू के गिरने से पहले जो उसे मुस्कुराहट में बदल देते हैं वो मेरे पापा हैं, मेरे हर नखरे को जो हंस कर उठाते हैं वो मेरे पापा हैं, मेरे रूठने से ही जो डर जाते हैं वो मेरे पापा हैं, मेरी हर ख्वाहिश, हर फरमाइश, हर ज़िद को जो हंसकर पूरा करते हैं वो मेरे पापा हैं, कभी हकीकत तो कभी जादू से मुझे बहलाते हैं, वो मेरे पापा हैं।
दरअसल, कुछ रिश्ते कुदरत ने बड़ी ही खूबसूरती से गढ़े हैं और पापा और बेटी का रिश्ता भी उन्ही में से एक है। जी हां, ये बात तो सभी जानते हैं कि बेटियां, पापा के ज्यादा करीब होती है। किसी भी बेटी के लिए पापा वो इंसान होते हैं जिस पर उसे ये विश्वास होता है कि वो कभी उसका दिल नहीं तोड़ेंगे, कभी किसी मुसीबत में उसे अकेला नहीं छोडेंगे।
बचपन में जब शाम को पापा घर आते थे उस वक्त घर का माहौल कुछ अलग ही हुआ करता था, दरवाज़ की जाली से पापा का इतंज़ार करती निगाहे, आंखों में तैरती ढ़ेर सारी फरमाइशे और वो पापा के आ जाने पर वो सुकून, जिसे लफ्ज़ों में बयां नहीं किया जा सकता।
जो इंसान आपकी फरमाइशे पूरी करने के लिए अपनी सारी ख्वाहिशे भूल जाए, आपकी जीत पर आप से भी ज्यादा खुश हो, वो सिर्फ पापा ही हो सकते हैं।
अगर आप इस खूबसूरत रिश्ते को जी पा रहे हैं यानी की आपके पापा आपके साथ हैं तो प्यार से उन्हे हर कीजिए और कहिए ‘हैप्पी फादर्स डे’ और भी आप जो कुछ खास कर सकते हैं उनके लिए, वो ज़रूर कीजिए और अगर आपके पापा आपके साथ नहीं है, इस दुनिया से दूर कही हैं, तो याद रखिए कि आपका हाथ ज़रूर छूटा है पर रिश्ता नहीं।
फादर्स डे – क्योकि ”पापा ना हो तो उनकी यादें भी अपना फर्ज निभाती हैं, पापा की तो तस्वीर से भी दुआएं आती हैं।”