हमारी भारतीय संस्कृति में पिता और बेटी के रिश्ते को बहुत पवित्र माना जाता है.
जब एक लड़की बड़ी हो जाती है तो उसके माता-पिता एक अच्छे घर के लड़के से अपनी बेटी की शादी कराते हैं और उसके सुखी वैवाहिक जीवन की कामना भी करते हैं.
लेकिन क्या कोई पिता अपनी ही बेटी से शादी कर सकता है और वो भी लड़की की मां की रज़ामंदी से ! इस तरह की घटना को तो हमारे भारतीय समाज और संस्कृति में पाप ही माना जाएगा.
वहीं एशिया में ही एक ऐसी जगह मौजूद है जहां एक पिता ही अपनी बेटी से ब्याह रचाकर उसका पति बनता है.
तो आइए हम आपको रुबरू कराते हैं उस देश और उसकी अजीबो-गरीब परंपरा से.
यहां पिता करता है अपनी बेटी से शादी
वॉऊस्टफ की रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश में रहनेवाले मंडी जाति के आदिवासी इस अजीबो-गरीब परंपरा का निर्वाह करते हैं.
इन आदिवासियों के घर जन्म लेनेवाली लड़कियों को बचपन से ही सिखाया जाता है कि वो अपने पिता में पति को देखें. इसलिए यहां की लड़कियां बचपन से ही अपने पिता को पति के रुप में देखने लगती हैं.
लड़की की मां की रज़ामंदी के बाद पिता अपनी बेटी से शादी करता है और बकायदा सुहागरात के रस्म की अदायगी भी की जाती है.
बेटी अपने पिता के बच्चे को देती है जन्म
यह परंपरा महज शादी तक ही सीमित नहीं है बल्कि पिता से शादी करने वाली बेटी बकायदा अपने पिता के बच्चे को जन्म भी देती है.
बताया जाता है कि यहां आदिवासी जातियों में महिलाएं प्रमुख भुमिका निभाती हैं. इतना ही नहीं वो घर के सभी बड़े फैसले खुद ही करती हैं. मंडी जाति की महिलाओं ने एकजुट होकर वुमन यूनिटी भी बनाई है जो शादी-ब्याह से लेकर कई कामों में अपना योगदान देती है.
अब लड़कियां करने लगी हैं इस परंपरा का विरोध
इस अजीबो-गरीब परंपरा का निर्वाह करनेवाली यह मंडी जाति के आदिवासी बांग्लादेश के दक्षिण पूर्व के माधोपुर जंगल में रहती है.
आज के बदलते दौर के साथ-साथ अब इस आदिवासी जाति की लड़कियां अपने ही पिता से शादी करने की इस परंपरा का खुलकर विऱोध करने लगी हैं और अपने भविष्य को बेहतर बनाने अपनी राह खुद चुनने लगी हैं.
गौरतलब है कि अब इस मंडी जाति के आदिवासी की लड़कियां अपने जीवन यापन के लिए राजधानी ढाका की ओर रुख करने लगी हैं और आदिवासी जीवन से दूर एक बेहतर ज़िंदगी जीने की कोशिश कर रही हैं.