बेटी की हत्या – एक पिता ने अपने बच्चें की खुशी, पढ़ाई और जरूरत के लिए चोरी, मारपीट और हत्या जैसी घटनाओं को अंजाम दिया…
ये खबरें तो अक्सर सुर्खियों में छाई ही रहती है, लेकिन वहीं बीते दिनों एक ऐसी खबर सुर्खियों में छाई जिसे पढ़ने और सुनने वालों के दिल दहल गए। ये एक ऐसे हैवान पिता की करतूतों की असल कहानी है, जिसमें पिता ने अपनी 4 साल की मासूम बेटी की हत्या कर दी क्योकी उसकी पत्नी में मटन बनाने में देरी कर दी थी।
बेटी की हत्या – आखिर क्या है ये पूरी कहानी
ये घटना बिहार के पूर्णिया जिले की है, जहां 4 साल की बेटी की हत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया है। घटना के मुताबिक एक पिता ने अपनी 4 साल की बेटी को पीट पीट कर मार डाला है। यहां हैरान कर देने वाली बात तो ये रही कि उसने ऐसी हैवानों जैसी पिटाई सिर्फ इसलिए की क्योंकि उसकी पत्नी को मटन बनाने में वक्त लग गया। और इतनी सी बात पर उस हैवान ने अपना आपा खो दिया।
गौरतलब है कि पूर्णिया जिले के फीकरटोली गांव में रहने वाले 40 साल के शंभू लाल शर्मा गुजरात में लेबर का काम किया करता था और छठ मनाने के लिए वह गुजरात से अपने बिहार के पैतृक गृह आया हुआ था। आरोपी मटन खाने का काफी शौकीन था। और छठ के त्यौहार के बाद एक दिन उसने अपनी पत्नी को घर में मटन लाकर दी और उसे बनाने के लिए कहा। लेकिन उसकी पत्नी को मटन बनाने में देरी हो गई। इसके बाद पास ही में बैठी बेटी पर शख्स का गुस्सा फूट पड़ा और उसने अपनी खेल रही 4 साल की बेटी की जमकर पीटाई करना शुरू कर दिया। मारते मारते वह इतना हैवान हो गया कि वह 4 साल की मासूम को तब कर मारता रहा जब तक वह बदहवास हो कर एकदम बेहोश नहीं हो गई। इसके बाद बच्ची की मां गभींर हालत में बच्ची को लेकर नजदीक के अस्पताल में पहुंची, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बच्ची के मरने की खबर सुनते ही हैवान पिता डर के मारे अस्पताल से भागने का प्रयास करने लगा, लेकिन मां के रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने उसे समय रहते धर दबोचा। वहीं इस मामले पर स्थानीय लोगों ने भी पुलिस को बताया कि शंभू लाल सिंह अक्सर घर में शराब, मटन और पैसों को लेकर घरेलू हिंसा करता था।
फिलहाल पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर मामला दर्ज कर लिया है और आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। इस मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी पिता ने अपना जुर्म कबूल करते हुए कहा कि उसे घटना का काफी अफसोस है । वह बेटी को जान से नहीं मारना चाहता था।
बेटी की हत्या – कई बार ऐसी हैवानियत भरी घटनाएं यह सोचने पर मजबूर कर देती है कि आज नशे का बढ़ता व्यापार खून के रिश्तों पर भी भारी पड़ने लगा है।