अपनी आंखों में सुनहरे भविष्य का सपना संजोकर ना जाने कितने ही लोग सपनों की मायानगरी मुंबई का रुख करते हैं लेकिन यहां हर किसी के सपनों को उड़ान नहीं मिलती है.
यहां अपने सपनों को वही साकार कर पाता है जिनके हौंसले बुलंद होते हैं.
आज हम आपको एक ऐसी ही महिला के कामयाबी की कहानी बताने जा रहे हैं जो घर से भागकर मुंबई आई थी, जिसके पास उस वक्त ना तो खाने को पैसे थे और ना ही पहनने के लिए कपड़े, लेकिन अपने अटूट विश्वास और मजबूत इरादों के दम पर देखते ही देखते वो फैशन इंडस्ट्री की एक मशहूर हस्ती बन गई.
बॉलीवुड एक्ट्रेसेस की ड्रेस करती हैं डिजाइन
कामयाबी की ये दिलचस्प कहानी है फैशन इंडस्ट्री की जानीमानी हस्ती वैशाली शंडागुले की. आपको बता दें कि वैशाली फिल्म इंडस्ट्री में सोनम कपूर, विद्या बालन, बिपाशा बसु जैसी कई मशहूर अभिनेत्रियों के ड्रेस डिजाइन करती हैं.
इतना ही नहीं वैशाली ने विल्स इंडिया फैशन वीक और अमेजन के फैशन वीक स्प्रिंग वीक, स्प्रिंग समर में अपने ट्रेडिशनल और मॉडर्न फ्यूजन के जबरदस्त कलेक्शन से सबके होश उड़ा दिए थे.
18 साल की उम्र में खाली हाथ घर से भागी
मध्यप्रेदश के छोटे से शहर विदिशा के एक रुढ़ीवादी परिवार से ताल्लुक रखनेवाली वैशाली शंडागुले जब 18 साल की थीं तब उनके घरवाले जबरन उनकी शादी कराना चाहते थे लेकिन शादी से बचने के लिए वो खाली हाथ घर से भाग निकलीं, तब उनके पास ना तो खाने को पैसे थे और ना ही कपड़े थे.
वैशाली बगैर पैसों के घर से भागकर स्टेशन पहुंची और वहां उन्हें मुंबई की ट्रेन मिली, जिसमें बैठकर वो सीधे मुंबई पहुंची. हालांकि कपड़ों की पहचान उन्हें अपने पिता से विरासत में मिली थी इसलिए वो इसी क्षेत्र में अपने सपनों को नई उड़ान देना चाहती थीं.
मुंबई में 500 रुपये की मिली नौकरी
मुंबई पहुंचने के बाद वैशाली के पास दो वक्त की रोटी का भी कोई इंतजाम नहीं था इसलिए वो इधर-उधर घूमती रहीं और लोगों से काम मांगने लगीं. आखिरकार उन्हें एक ऑफिस में 500 रुपये की तनख्वाह पर नौकरी मिल गई और यहीं से उन्होंंने बचत करनी भी शुरू कर दी.
इसके बाद वैशाली को एक एक्सपोर्ट हाउस में 11,000 रुपये की सैलरी वाली नौकरी मिल गई लेकिन वो स्लिप डिस्क की शिकार हो गईं जिससे उनकी सारी जमा पूंजी ईलाज में खर्च हो गई. फिर उन्होंने बतौर फिटनेस ट्रेनर भी काम किया.
फैशन इंडस्ट्री में ऐसे बनाई अपनी पहचान
अपनी कमाई से बचत करके वैशाली शंडागुले ने एक फैशन डिजाइनिंग इंस्टीट्यूट में एडमिशन लेने की कोशिश की लेकिन उन्हें एडमिशन नहीं मिला. जिसके बाद वैशाली शंडागुले ने दूसरी जगह से कटिंग्स और सिलाई सीख ली और फैशन सेमिनार अटेंड करना शुरू कर दिया.
फिर वैशाली ने 50,000 रुपये का लोन लेकर अपनी एक दुकान खोल ली और धीरे-धीरे उनके सपने हकीकत में तब्दील होने लगे. आज वैशाली शंडागुले तीन मंजिला शोरुम की मालकिन हैं. चंदेरी, सिल्क और कॉटन के फ्यूजन कपड़े डिजाइन करके उन्होंने फैशन इंडस्ट्री में अपनी एक खास पहचान बनाई है.
गौरतलब है कि वैशाली शंडागुले की इस कामयाबी से हर उस शख्स को सीख लेनी चाहिए जो अपने सपनों की राह में आनेवाली दिक्कतों से हार मान लेते हैं और अपने सपनों को साकार नहीं कर पाते हैं.