कैरियर

खेती में किया ऐसा कमाल कि अब 40 लाख की ऑडी में घूमता है ये किसान

खेती में किया कमाल – जहां एक तरफ सभी किसान खेती छोड़कर शहरों में नौकरी करने आ रहे हैं वहीं दूसरी ओर यमुना नगर के निर्मतपुर गांव में एक ऐसा किसान है जो 40 लाख की ऑडी में घूमता है.

कई किसानों का मानना है कि डिग्री की पढाई कर के गांव में खेती कर ना एक घाटे का सौदा है जिस कारण उनके सभी बच्चे गांव छोड़कर शहरों में बसने जा रहे हैं. ऐसी धारणा रखने वाले किसानों से बिल्कुल विपरीत सोचते हैं निर्मतपुर गांव के रहने वाले निर्मल सिंह.

निर्मल सिंह वो किसान हैं जिसने खेती में किया कमाल कि इतनी कमाई कर के आज को दुनिया की सबसे महंगी गाड़ियों में से एक में घूम रहे हैं. जो खेती में किया कमाल वो उनकी सोच का ही कमाल है जो उन्होंने अन्य किसानों की तरह अपनी मिट्टी ना छोड़ने का फैसला किया. यहां तक कि निर्मल सिंह ने पंजाब यूनिवर्सिटी की ओर से लेक्चरका ऑफर ठुकराते हुए खेती को चुना.

अपनी 100 एकड़ की जमीन पर बासमती चावल की खेती करते हैं. इनके पास खुद की 40 एकड़ की जमीन है और 60 एकड़ की जमीन किराए पर लेकर हर साल सिर्फ बासमती चावल की पैदावार करते हैं. निर्मल सिंह हर साल 1997 टन चावल की खेती करते हैं.

लंदन से आती है सारी कमाई

उनकी इस कमाई का राज लंदन की एक कंपनी है. यह कंपनी निर्मल सिंह को मोटी रकम देकर सारा बासमती चावल खरीद लेती है. इसी के चलते उनका सारा खर्च और हर साल लाखों की कमाई हो जाती है. छोटी उम्र में अपने पिता की मृत्यु के बाद निर्मल को ही अपने परिवार को संभालना पड़ा था. परिवार का बोझ अपने कंधों पर आते ही नौकरी छोड़ कर खेती को अपनाया. उनका कहना है कि सही ढंग से खेती की जाए तो इसे बेहतर कारोबार और कोई नहीं.

हमारे देश में कई किसान आत्महत्‍या करते हैं लेकिन उसके पीछे केवल कर्जा या बुरी खेती ही कारण नहीं होती. कहीं ना कहीं उन्होंने खेतों का सही इस्तेमाल नहीं किया होता जिस कारण वो या तो गरीबी का शिकार हो जाते हैं या कर्जे में डूब जाते हैं.

अत्याधुनिक तरीके से करते हैं खेती

निर्मल सिंह का कहना है कि अत्याधुनिक तरीकों से की जाने वाली खेती ही सबसे सफल होती है और यही कारण है कि वो इस तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं. धान की रोताई से पहले खेत को ट्रैक्टर से संतल्प नहीं करते. इससे खर्च की बचत होती है. रोताई से पहले खेत में पानी छोड़ दिया जाता है, लेकिन ट्रैक्टर कभी नहीं चलाना चाहिए. उनका कहना है कि इस तकनीक से जमीन की उमरा शक्ति बढ़ जाती है और पानी की खपत भी आधी रह जाती हैऔर वह फुव्‍वारों से सिंचाई करते हैं जिसके कारण और खर्च कम हो जाता है. उन्होंने 1997 से लेकर आजतक अपने खेतों में कभी आग नहीं लगाई.

इस तरह से खेती में किया कमाल – निर्मल सिंह कई किसानों के लिए एक बहुत बड़ा उदाहरण बन चुके हैं और उनकी देखम-देख कई किसानों ने कॉन्ट्रैक्ट खेती को अपनाने की शुरुआत भी की है. अगर आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आई हो तोकमेंट, शेयर और लाइक जरूर करें.

Shivam Rohatgi

Share
Published by
Shivam Rohatgi

Recent Posts

इंडियन प्रीमियर लीग 2023 में आरसीबी के जीतने की संभावनाएं

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…

2 months ago

छोटी सोच व पैरो की मोच कभी आगे बढ़ने नही देती।

दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…

3 years ago

Solar Eclipse- Surya Grahan 2020, सूर्य ग्रहण 2020- Youngisthan

सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…

3 years ago

कोरोना के लॉक डाउन में क्या है शराबियों का हाल?

कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…

3 years ago

क्या कोरोना की वजह से घट जाएगी आपकी सैलरी

दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…

3 years ago

संजय गांधी की मौत के पीछे की सच्चाई जानकर पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक जाएगी आपकी…

वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…

3 years ago