तिरुनागेश्वरम (तमिलनाडु )
यह एक शिव मंदिर है.
इस मंदिर में शिव की पूजा नागेश्वर के रूप में की जाती है.
कहा जाता है कि पुराणों में वर्णित प्रसिद्द नाग आदि शेष, दक्षन और कराकोताकन ने इस स्थान पर भगवान् शिव की तपस्या की थी.
तपस्या से प्रसन्न होकर शिव ने दर्शन दिए और इन सर्पों की इच्छा पूरी की. इस मंदिर के पास राहू का भी स्थान है. कथाओं के अनुसार राहू को सर्पों का देवता माना जाता है.
देखा आपने देश में कितने अनोखे स्थान है.
ऐसे ऐसे मंदिर है जहाँ विषैले कोबरा को भी देवता के रूप में पूजा जाता है. ऐसा सिर्फ भारत में ही हो सकता है. जहाँ घटक से घटक जीव के अंदर भी इश्वर का निवास माना जाता है.