अनुराग कश्यप आज के दौर के सबसे प्रतिभावान निर्माता निर्देशकों में से एक है.
शुरूआती दौर में अनुराग कश्यप को बहुत संघर्ष करना पड़ा. लेकिन उन्हें अपनी काबिलियत पर भरोसा था. धीरे धीरे काम करते हुए आज कश्यप ने हिंदी फिल्म जगत में अपना एक अलग मुकाम बना लिया है.
अनुराग कश्यप उन निर्देशकों में से है जिनके नाम से लोग सिनेमाघरों में खींचे चले आते है. अनुराग की सबसे खास बात ये है कि उन्होंने अपने सिनेमा के साथ कभी समझौता नहीं किया और हमेशा वासी ही फिल्मों का निर्माण किया जैसी वो बनाना चाहते थे.
उनकी पहली फिल्म पांच भले ही सिनेमाघरों तक आज भी नहीं पहुंची हो पर अनुराग का काम आज सबके सिर चढ़कर बोलता है.
शुरूआती दौर में उन्होंने राम गोपाल वर्मा के लिए सत्य, शूल और कौन जैसी फ़िल्में लिखी. उसके बाद अनुराग ने जब निर्देशन के क्षेत्र में कदम रखा तो पहले पहल उनकी फिल्मों को वो दर्ज़ा नहीं मिला जिनकी वो हकदार थी. लेकिन आज अनुराग कश्यप की बनाई गयी ब्लैक फ्राइडे, देव डी, गुलाल, गैंग्स ऑफ़ वासिपुर को कल्ट फिल्मों का दर्जा मिला चुका है.
आज अनुराग कश्यप के जन्मदिन पर आपको बताते है अनुराग की कही कुछ सीढ़ी सच्ची खरी बातें जो फिल्म उद्योग के अन्दर की सच्चाई बयान करती है.