सितारे जिनको परिवार ने त्याग दिया – देखी जमाने की यारी, बिछड़े सभी बारी-बारी
गुरुदत्त की फिल्म ‘काग़ज के फूल’ का यह गाना फिल्मी दुनिया की काली हकीकत को बखूबी बयान करता है. 1959 में आई इस फिल्म में गुरुदत्त ने एक ऐसे फिल्म निर्देशक की भूमिका अदा की है जो कभी कामयाबी की ऊंचाईयों पर था लेकिन एक बार जब वह गिरा तो फिर कोई उसकी खोज-खबर लेने नहीं आया और अंत में वह एक गुमनाम मौत मर गया.
सन 1959 की इस फिल्म की कहानी फिल्मी दुनिया के हर दौर में दुहराई जाती रही है, बस पर्दे पर नहीं बल्कि हकीकत में भी. हम आपको ऐसे कुछ फिल्मी सितारों के बारे में बता रहें हैं जिन्होंने कभी कामयाबी के शिखर छुए लेकिन जिंदगी के आखिरी पड़ाव पर सितारे जिनको परिवार ने त्याग दिया और वे मुफलिसी के शिकार होकर इस दुनिया से चले गए.
सितारे जिनको परिवार ने त्याग दिया –
1 – गीता कपूर-
क्लासिक फिल्म पाकिज़ा की यह अभिनेत्री हाल ही में सुर्खियों में थी. स बुजुर्ग अदाकारा को उनका परिवार और पुत्र ने अस्पताल में छोड़ दिया था और करीब महीने से इनके इलाज का बिल चुकता नहीं किया था. जब कैमरे पर रोती इन बुजुर्ग आंखों ने फिल्मी जगत की चेतना को झकझोड़ा तो जरूर कुछ हाथ इस बुजुर्ग अदाकारा की मदद को पहुंचे.
2 – मीना कुमारी-
पाकिज़ा फिल्म मे गीता कपूर के साथ ही काम करने वाली मीना कुमारी की भी किस्मत गीता जैसी ही रही थी. ट्रेजड़ी क्वीन कहलाने वाली मीना कुमारी को पति कमल अमरोही से हुए तलाक के बाद शराब की लत लग गई थी. उनके पास अपने ईलाज को भी पैसे नहीं बचे थे. वे सुपरहिट फिल्म पाकिज़ा के रीलीज होने के कुछ हफ्तों बाद ही चल बसीं. अपने आखिरी वक्त एकदम अकेली थीं.
3 – परवीन बाबी-
70 के दशक की सबसे ग्लैमरस अदाकारा परवीन बाबी की 2005 में मानसिक बिमारी के कारण मृत्यु हो गई. उनका शरीर उनके मृत्यु के तीन दिन बाद मिला था. डॉक्टरों के अनुसार वे कई दिनों से भूखीं थीं क्योंकि उनके पेट में खाने की कोई टुकड़ा नही मौजूद था.
4 – भगवान दादा-
फिल्म अलबेला के सितारे भगवान दादा अपने डांस के लिए मशहूर थे. लेकिन एक के बाद एक फ्लॉप फिल्मों ने उन्हें अपनी 7 कारें और 25 कमरों वाला जूहू का बंगला बेचने को मजबूर कर दिया. हर किसी के द्वारा भुला दिए गए इस कलाकार कि मृत्यु 2002 में एक चोटे से चॉल में हुई.
5 – एके हंगल-
फिल्म शोले में रहीम चाचा के रुप में मशहूर हुए दिग्गज अभिनेता एके हंगल की मृत्य 97 साल में मुंबई के एक अस्पताल में हुई. 2012 में जब उनकी मृत्यु हई तो उनके पास अपने ईलाज के लिए भी देने को पैसे नहीं थे.
6 – अचला सचदेव-
वो मेरी जोहरजाबी के इस खूबसूरत चेहरे का अंत मुफलिसी में ही हुई. जिंदगी के आखिरी दिनों में उनके बेटे-बेटी भी अस्पताल में उनसे मिलने को नहीं आए.
7 – भारत भूषण-
ब्लैक एंड व्हाइट फिल्म बैजू बावरा का यह सुपरस्टार कलर फिल्मों के आने के बाद कहीं खो गया. अपने अंतिम दिनों में गरीबी की मार झेल रहे भारत भूषण को अपनी कार और यहां तक की अपनी किताबें भी बेचनी पड़ी.
8 – नलनी जयवंत-
1940 के दशक में नलनी की गिनती सिनेमा जगत के सबसे बड़े सितारों में होती थी लेकिन जब उनकी मृत्यु हुई तो तीन दिनों तक किसी को खबर भी नहीं लगी. उन्हें ठेले पर शमसान घाट ले जाया गया था. इस अभिनेत्री ने कभी बीआर चौपड़ा की फिल्म हमराज के द्वारा प्रसिद्धी की सारी सीमाएं लांघी थी.
9 – राज किरन-
राज किरन पर ही फिल्म अर्थ का मशहूर गाना ‘तुम इतना जो मुस्करा रहे हो’ फिल्माया गया था. डिप्रेसन में जाने के बाद इस कलाकार को उसके परिवार ने त्याग दिया था.
10 – गीतांजली नागपाल-
90 के दशक की इस टॉप मॉडल को दिल्ली की सड़कों पर भीख मांगते हुए पाया गया था. बाद में उन्हें एक अस्पताल के मानसिक चिकित्सालय में दाखिल करवाया गया.
ये है वो सितारे जिनको परिवार ने त्याग दिया – देखा जाए तो फिल्मी दुनिया की यह सच्चाई सिर्फ फिल्म जगत की ही सच्चाई नहीं है. यह एक तरह से पूरी दुनिया का दस्तूर है. हम चाहे इस सच्चाई से कितना भी मुह फेर ले पर हर दौर में लोग उगते हुए सूरज को ही नमस्कार करते आएं हैं और शाम का सूरज गुमनामी की रात में खो जाया करता है.