आज कल उत्तर प्रदेश में जिस तरह की राजनीतिक हलचल चल रही है उसे लेकर लोगों की तरह तरह की प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रहीं हैं|
जिस तरह सपा पार्टी में हलचल और गृह युद्ध का मंज़र लोगों को देखने को मिला उसे लेकर लोगों ने कई तरह के कयास भी लगाये|
इसके पीछे सबसे बड़ी बात जो सामने आई वो थी यदुवंशियों को गांधारी का श्राप|
आइये हम आज जानते है यदुवंशियों को गांधारी का श्राप क्या था |
यदुवंशियों को गांधारी का श्राप –
1- महाभारत युद्ध के बाद श्री कृष्ण को मिला था श्राप
महाभारत युद्ध के बाद जब गांधारी ने अपने सौ पुत्रों के शव युद्ध भूमि में देखे को करुण क्रुन्दन करने लगीं| उनकी ये स्थिति देख श्री कृष्ण खुद को उन्हें सांत्वना देने से रूक नहीं पाए, शायद यही यदुवंशियों के विनाश का कारण बना| कृष्ण को अपने सामने देखते ही गांधारी का परा सातवें असमान पर चढ़ गया| वो उन्हें इस सबका दोषी मानते हुए कौरवों के नाश का कारण मानती रहीं| उन्होंने कृष्ण को श्राप दिया की जिस तरह कौरवों का नाश हुआ है उसी तरह यदुवंशियों का भी नाश होगा|
2- श्राप के बाद द्वारिका लौट गए थे श्री कृष्ण
श्राप के बाद श्री कृष्ण के माथे पर चिंता की लकीरें साफ़ दिख रही थीं| वे द्वारिका लौट आये| साथ ही यदुवंशियों ने अपने साथ अनाज आदि का भंडारन भी कर लिया| ऐसा माना जाता है कि उस अनाज को ब्राह्मणों को डान करने के बाद श्री कृष्ण ने यदुवंशियों से मृत्यु का इंतज़ार करने की बात कही थी|
3- यूपी के लोगों का मानना भी शायद श्राप का असर
जिस तरह कुछ महीनों में सपा सरकार की राजनीतिकी और पारिवारिक तल्खियाँ लोगों के सामने आने लगीं उसी के बाद से गांधारी द्वारा श्री कृष्णा को श्राप देने के प्रकरण को एक बार फिर याद करने लगे हैं| हालांकि सपा पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने परिवार को इस श्राप से प्रभावित न होने देने का पूरा प्रयास किआ| यही कारण है की यूपी के सीएम अखिलेश यादव भी अपने पिता के पद का पूरा मन रखने की कोशिश करते हैं| ऐसा पहली बार हुआ था जब पिता पुत्र एक दूसरे के खिलाफ कई मुद्दों पैर बात करते नज़र आए|
इस तरह से ये यदुवंशियों को गांधारी का श्राप है जिसकी असर आज भी सपा में दिखाई दे रही है – आने वाले यूपी चुनाव के परिणाम चाहे जो हों पर फिलहाल पिता पुत्र कई मुद्दों पैर साथ मिलकर चलना चाहते हैं| यही एक बड़ा कारण भी है कि लोग श्राप के असर से आगे चलकर आने वाले परिणाम को लेकर तरह तरह के कयास लगा रहे हैं|
परिणाम चाहे जो हो हम तो यही चाहेंगे की राजनीति ऐसी हो जो सबको साथ लेकर चले और सबका विकास करे|