फेशल रिकग्निशन तकनीक – अब आपको एयरपोर्ट पर बिना बोर्डिंग पास के एंट्री मिलेगी.
जी नहीं, हम मज़ाक नहीं कर रहे हैं ये सच है. दरअसर, देश के एयरपोर्ट्स पर जल्द ही यात्रियों को अब चेहरा पहचानकर एंट्री की सुविधा मिलेगी. ये सुविधा सरकार की डिजि यात्रा पहल के तहत मिलेगी यानी अब आपको बोर्डिंग पास लेने का झंझट नहीं रहेगा.
डिजि यात्रा पहल के तहत जल्द ही देश के सभी एयरपोर्ट्स पर एंट्री को सुविधाजनक बनाया जाएगा
फेशल रिकग्निशन तकनीक (चेहरा पहचानने की तकनीक) की वजह से आपका चेहरा ही बोर्डिंग पास का काम करने लगेगा. चेहरा पहचानने की यह सुविधा डिजिटल और बायोमीट्रिक पर आधारित होगी. इससे यात्रियों को एयरपोर्ट पर एंट्री के साथ ही अन्य जरूरतों को पूरा करने में भी आसानी होगी. डिजि यात्रा के तहत यात्रियों के लिए एक केंद्रीयकृत पंजीकरण प्रणाली स्थापित कर सभी को एक विशेष पहचान दी जाएगी. यात्रियों को यह विशेष पहचान टिकट बुक कराते समय बतानी होगी. इस विशेष पहचान नाम, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर और किसी भी पहचान पत्र की जानकारियों के साथ तैयार की जा सकेगी. इसके लिए यात्री आधार संख्या का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
शुरुआत में फेशल रिकग्निशन तकनीक का इस्तेमाल चुनिंदा एयरपोर्ट पर पायलट प्रॉजेक्ट के तौर पर किया जाएगा. शुरुआत में यह यात्रियों के ऊपर होगा कि वे इस सुविधा का इस्तेमाल करना चाहते हैं या नहीं. फरवरी 2019 से यह सुविधा शुरू हो सकती है.
एयरपोर्टों पर फेशल रिकग्निशन तकनीक के इस्तेमाल से हवाई यात्रा पेपरलेस और सुविधाजनक हो जाएगी.
यात्रा से पहले एयरलाइन कंपनियों को यात्रियों की संख्या और उनसे जुड़े आकंड़े उस एयरपोर्ट को बताने होगे, जहां से यात्री उड़ान भरने वाले हैं. इसके बाद इस विशेष पहचान के माध्यम से पहली बार सफर करने पर एक बार वेरिफेकशन किया जाएगा. वेरिफिकेशन होने के बाद चेहरा पहचानने का बायोमीट्रिक डेटा डिजि यात्रा आईडी के साथ जुड़ जाएगा और आगे सफर करने पर यात्रियों को किसी तरह की मुश्किल नहीं आएगी.
फेशल रिकग्निशन तकनीक – डिजिटल इंडिया का सपना देखने वाली बीजेपी सरकार की इस पहल से यात्रियों को ज़रूर सुविधा होगी, बशर्ते इस पहल में कोई तकनीकी खराबी न आए.