फेस रिकॉगनाइजेशन- हाल ही में सोशल मीडिया वेबसाइट फेसबुक ने एक ऐसा गजब का फीचर लॉन्च किया है जिससे आपको यह पता चल जाएगा कि कौन व्यक्ति कब, कैसे और कहां आपकी तस्वीर का इस्तेमाल कर रहा है।
ऐसे में फोटो चुराकर उसका गलत इस्तेमाल करने वाले लागों पर लगाम कस सकती है।
यह गजब की सर्विस फेसबुक की अपनी सर्विसेज़ को बेहतर बनाने की कोशिश का नतीजा है। इसके अलावा फेसुक अब कुछ और नए फीचर्स भी जोड़ रहा है जिसके तहत अब फेसबुक ने ये नया और शानदार फीचर पेश किया है।
कहां जा रही है आपकी फेसबुक फोटोज़
इस नए फीचर से आप पता लगा सकते हैं कि कौन शख्स आपकी तस्वीर का इस्तेमाल कर रहा है और किस फेसबुक आईडी और पेज पर अपलोड कर रहा है। कंपनी पर पहले ही कुछ निजी तस्वीरों के मिसयूज़ पर सवाल उठाया गया था। फेसबुक ने अब यह नया फीचर अपने यूज़र्स के लिए पेश किया है जिससे यूज़र्स अपनी फोटोज़ की सुरक्षा कर सकते हैं।
फेस रिकॉगनाइजेशन फीचर
फेसबुक का यह नया और अनोखा फीचर फेस रिकॉगनाइजेशन पर काम करता है। इस वजह से जब कोई आपको बिना टैग किए आपकी फोटो अपलोड करता है तो आपके पास फेसबुक की ओर से एक नोटिफिकेशन आएगा। इसमें आपसे ये पूछा जाएगा कि क्या अपलोड हुई फोटो में आप भी हैं और अगर आप उस फोटो को फेसबुक पर शेयर करना चाहते हैं या नहीं। इसके बाद अगर आप अपनी फोटो को शेयर करने से रोकना चाहते हैं तो ऐसा कर सकते हैं और अगर चाहें तो खुद को उस फोटो में टैग भी कर सकते हैं।
इस बारे में फेसबुक ने जानकारी देते हुए बताया कि वो एक ऐसा नया टूल लेकर आ रहा है कि जो फेस रिकॉग्निशन तकनीक पर काम करते हुए यूज़र्स को उनकी आईडेंटिटी मैनेज करने में मदद करता है। पिछले काफी समय ये इसकी टेस्टिंग चल रही थी और इसे मिले पॉजीटिव फीडबैक के बाद पेश किया गया है।
फेसबुक एट वर्क भी है कमाल
वहीं इस फीचर के अलावा कुछ समय पहले फेसबुक एक ऐसी सर्विस भी लाया था जिसमें कंपनीज़ अपने इंप्लॉयीज़ को फेसबुक पर ट्रै कर सकती हैं। अकसर अपने कर्मचारियों की काम में एकाग्रता को बनाए रखने के लिए कंपनियां ऑफिस में फेसबुक जैसी सोशल साइट्स के इस्तेमाल पर रोक लगाकर रखती हैं। लेकिन अब कंपनियों को अपने एंप्लॉइज़ पर नज़र रखने की जरूरत नहीं है क्योंकि फेसबुक ‘Facebook-at-work’ लेकर आया है। दरअसल ‘फेसबुक एट वर्क’ फेसबुक का ही संस्करण है जिसे खासतौर पर ऑफिस में प्रयोग करने के लिए बनाया गया है।
जोमाटो, पेटीएम, बुकमाइशो, यस बैंक और गोदरेज जैसी कई बड़ी कंपनियां अपने ऑफिस में पहले से ही फेसबुक के इस ऑफिस वर्जन का इस्तेमाल कर रहीं हैं। लेकिन ऑफिस में इस्तेमाल होने वाले इस ‘फेसबुक एट वर्क’ की अलग बात यह है कि इसमें फेसबुक की तरह न्यूजफीड दोस्तों की तस्वीरें और पोस्ट न होकर स्प्रेडशीट्स, प्रोजेक्ट्स और असाइनमेंट्स होती हैं।
अपने इस वर्जन में फेसबुक ने सामान्य फेसबुक के कई सारे फीचर शामिल किए हैं, मगर इसका अपना एक अलग मैसेजिंग एप और नेटवर्क है। ‘फेसबुक एट वर्क’ अभी अपने शुरूआती दौर में चल रहा है।
फेसबुक ने इसे अभी प्रयोगात्मक तौर पर ही लांच किया है।