फेसबुक अकाउंट बंद – सावधान!!!! सावधान!!!! सावधान!!!! जी हां सावधान हो जाएं वरना फेसबुक वाले आपको कभी भी ब्लॉक कर सकते है अगर आपने कोई गलत काम किया।
अरे भाई ये सच है, ये हम नहीं कह रहे बल्कि ऐसा हो रहा है।अगर आप फेसबुक पर जातीय, नस्लीय या कोई गलत खबर पोस्ट करते है तो आपको नजरबंद यानी की आपका फेसबुक अकाउंट बंद कर सकते है। अगर आप ऐसी वैसी कोई हरकत करते है तो फौरन बंद कर दें। फेसबुक की ओर से हालही में ये चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए है। आंकड़ो के अनुसार इस साल के शुरुवात में सिर्फ तीन महिने में ही 58.3 करोड़ फेक फेसबुक अकाउंट बंद किए हैं।
इन फेक अकाउंट को बनने के कुछ घंटे बाद ही बंद कर दिया गया है।
FB की तरफ से ये कार्यवाही गलत तरीके से गलत खबर को फैलाने वालों पर कि गई है। इसमें स्पैम और हेट स्पीच जैसी पोस्ट भी शामिल हैं। हालांकि, फेसबुक की ओर से इस बात की कोई जानकारी सामने नहीं आई है कि बंद हुए अकाउंट किन देशों से के है औऱ खबर कौन सी थी। फेसबुक की ओर से जारी की गई रिपोर्ट को ये साल में दो बार जारी करता है।
फेसबुक अकाउंट बंद –
फेसबुक की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने की इसकी पहचान और किया बंद-
सोशल साइट या फेसबुक पर स्पैम और हेट स्पीच के मामले बढ़ने के कारण दुनियाभर में इसकी नींदा हो रही है। कई देशों की सरकारों ने इस पर सवाल भी उठाया हैं। एेसे में कंपनी अपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को प्रभावी तरीके से लागू कर रही है।आंकड़ों के अनुसार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने 837 मिलियन स्पैम और 2.5 मिलियन हेट स्पीच के मामलों पर काम किया है। फेसबुक की ओर से जारी रिपोर्ट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लागू करने के तरीकों के बारे में भी बताया गया है।
इसमें 96 % अडल्ट मामलों की पहचान हुई है-
फेसबुक की ओर से जारी रिपोर्ट में ये भी दिखाया गया है कि उसका आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कितनी अच्छी तरह से सभी चीजों की पहचान करती है जो नियमों को तोड़ उसका उल्लंघन करते हैं। रिपोर्ट के अनुसार उसकी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से करीब 100 फीसदी स्पैम और 96 फीसद एडल्ट न्यूडिटी के मामलों की पहचान की। हालांकि, हेट स्पीच के बारे में बात करें तो यह तकनीक केवल 38 फीसद मामलों की ही पहचान कर सकी है।
वैसे ये सब फेस बुक को करना ही था क्यों की हालही में उसपर डाटा लीक का आरोप जो लगा था।आपको शायद पता होगा की ये मामला काफी दिनों का चर्चा में रहा। फेसबुक पर अपने करीब 5 करोड़ यूजर्स का डाटा लीक करने का आरोप था। इस डाटा को लीक करने के लिए लंदन की कैंब्रिज एनालिसिस को भी जिम्मेदार ठहराया माना गया। इस मामले के सामने आने के बाद दुनियाभर में फेसबुक को काफी नुकसान हुआ। बाद में फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने खुद सफाई देने हुए सुरक्षा प्रबंध बढ़ाने की बात कही थी।
ये तो रही फेसबुक की बात लेकिन आपको और हमें भी हमेशा सजग रहना होगा कि कौन सी खबर सही है कौन सी गलत। और जो खबर मतलब की ना हो उसे शेयर ना करें।
सोशल मीडिया ने जहां खबरों की रफ्तार बढ़ाई है वहां कई परेशानी भी खड़ी की है। लोगों के पास कहने सुनने के लिए वक्त है, लेकिन बहुत इसका दुरुपयोग करते है।
सोशल मीडिया पर जो जानकारी आती है वो कितनी सही है कितनी गलत ये आप आसानी से पहचान सकते है ।अगर आप जागरुक नागरिक बनना चाहते है तो हमेशा अलर्ट रहें।
फेक न्यूज को आखिर कैसे पहचाना जाएं इसके आसान टिप्सः
- टॉपिक यानी शीर्षक को लेकर रहें सतर्क, लुभावने शीर्षक पर ध्यान ना दें।
- URL को ध्यान से देखें कुछ अजीब लगे तो तुरंत समझ जाए।
- सोर्स की बराबर जांच करें।
- असामान्य फॉर्मेटिंग पर ध्यान दें। स्पेलिंग की गलतियां नजर अंदाज ना करें,अजीब ले आउट पर गौरकरें।
- फोटो की सच्चाई को समझने की कोशिश करें कि कहीं विडियो और फोटो से छेड़छाड़ तो नहीं किया गया।
- तारीख पर ध्यान दें औऱ समय पर भी।
- सही प्रमाणों पर भी नजर रखें।
- जो भी खबर देखें उसे गूगल पर भी सर्च करें। खबर को फैलाए नहीं।
- कहानी औऱ मजाक के बीच का अंतर समझे औऱ लोगों को समझाएं।
फेसबुक अकाउंट बंद हो सकता है – सोशल मीडिया या फेसबुक पर आप भी अगर अपना वक्त बिताते है तो ध्यान रखें कि किसी का आप की वजह से समय ना खराब हों। और गलत खबरों को फैलने से रोकने में अाप अपना योगदान दें।