बाल विवाह एक कुप्रथा – सोशल मीडिया साईट फेसबुक आज लोगों की जिंदगी का अहम हिस्सा बन चूकी है.
फेसबुक से दुनिया के किसी भी कोने में बैठे लोगों से आसानी से संवाद किया जा सकता है. आज कई लोगों की जिंदगी में महत्वपूर्ण बदलाव भी फेसबुक की वजह से ही आये है.
आज हम ऐसी ही एक लड़की की कहानी बताने जा रहे है जिसने फेसबुक की मदद से बाल-विवाह से मुक्ति पा ली है.
आपको बता दें कि इस लड़की की शादी सिर्फ़ 12 साल की उम्र में कर दी गई थी. लेकिन इस लड़की ने फेसबुक और एक सामाजिक कार्यकर्ता की मदद से कोर्ट में इस शादी को गैरकानूनी साबित कर दिया.
दरअसल पिछले दिनों 19 साल की एक लड़की ने राजस्थान कोर्ट में गुहार लगाईं थी कि उसका बाल-विवाह अमान्य घोषित किया जाए. अपनी शादी का सबूत दिखाने के लिए इस लड़की ने अपने पति की फेसबुक प्रोफाइल का सहारा लिया. इस शादी को गैर-क़ानूनी घोषित करवाने में सामाजिक कार्यकर्ता कृति भारती ने इस लड़की का साथ दिया. कृति सारथी ट्रस्ट नाम के एक ट्रस्ट के साथ काम करती है, जिसने अभी तक राजस्थान के कई बाल-विवाहों को अमान्य घोषित करवाया है. कृति ने बताया कि उसके पति की टाइमलाइन पर कई बधाई संदेश थे. और कोर्ट ने सबूतों के आधार पर उनकी शादी को अवैध घोषित कर दिया.
पीड़ित लड़की की शादी सिर्फ़ 12 वर्ष की उम्र में एक निजी समारोह में कराई गई थी. ये शादी 2010 में राजस्थान के बाड़मेर में हुई थी.
आपको बता दें कि राजस्थान में बाल-विवाह होने के बाद लड़की ज्यादातर समय अपने मायके में ही बिताती है और 18 साल के होने तक उसका गौना कर दिया जाता है. इस लड़की के साथ भी यही हुआ, लड़की के माता-पिता उसे जबरन अपने पति के साथ रहने के लिए भेज रहे थे. जबकि लड़की आगे पढ़ना चाहती थी. लड़की ने बताया कि उसका पति शराबी था और वो उसके साथ नहीं रहना चाहती थी. इसलिए लड़की अपने घर से भागकर एक आश्रम में आ गई जहाँ पर उसको कृति मिली.
कृति ने कानून और फेसबुक की मदद से उसे इस शादी से आज़ादी दिला दी.
हमारे देश में बाल विवाह एक कुप्रथा है और इसे रोकने के लिए कई सख्त और कड़े कानून बनाये गए है. लेकिन फिर भी हर साल बाल-विवाह के कई मामले सामने आते है. एक सर्वे के मुताबिक विश्व के 40 प्रतिशत बाल-विवाह सिर्फ भारत में ही होते है. वहीं पूरे भारत में 49 प्रतिशत लड़कियों की शादी उनके 18 वर्ष के होने से पूर्व ही करवा दी जाती है.