कश्मीर का जो दर्द हमारी आज जान ले रहा है वह कहीं ना कहीं नेहरु जी की एक गलती है जो आज तक कोई सही नहीं कर पाया है. गाँधी परिवार भारत में सबसे ज्यादा राज करने वाला देश है किन्तु इस गलती को कोई नहीं सही कर पाया है.
भारत हमेशा कश्मीर में मदद के लिए अपना दिल खुला रखता है. अपने एक राज्य की तरह केंद्र कश्मीर की मदद करता है. तब कश्मीर के लोगों को पाकिस्तान की याद क्यों नहीं आती है?
लोगों को पाकिस्तान से इतना ही प्रेम है तो क्या देश की सरकार ऐसे देश विरोधी लोगों को पाकिस्तान भिजवाने का कोई इंतजाम नहीं करवा सकती है ?
और अब वक़्त आ गया है कि देश की सरकार को कठोर कदम उठाने होंगे, इस तरह के लोगों को क्या अदालत फांसी की सजा नहीं दे सकती है ?
आपकी राय का इंतज़ार रहेगा.