जीवन शैली

वर्कआउट से जुड़े ऐसे झूठ, जिन्‍हें आप मानते थे सच

वर्कआउट से जुड़े झूठ – आजकल हर इंसान अपने आपको फिट एंड फाइन रखना चाहता है.

इसके लिये लोग आजकल जिम और वर्कआउट का सहारा लेते हैं.

वर्कआउट से जुड़े झूठ – लेकिन क्या आप जानते हैं कि कई बार आप कही-सुनी बातों को मानकर उनपर विश्वास करने लग जाते हैं. जैसे खाली पेट वर्कआउट करने से कैलोरी बर्न होती है और वर्कआउट करते समय पसीना निकलने का मतलब फैटबर्न होना, लेकिन इसकी सच्चाई कुछ और ही है. दरअसल वर्कआउट के वक्त निकलने वाला पसीना आपके बॉडीटेम्प्रेचर को सामान्य रखने में मदद करता है. कई बार ज्यादा पसीना निकलना मौसम का प्रभाव भी हो सकता है.

ऐसे कई वर्कआउट से जुड़े झूठ है जिनके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं जिनके कारण आप अपनी सेहत बिगाड़ लेते हैं.

वर्कआउट से जुड़े झूठ –

मिथ: किसी भी एक्सरसाइज से वजन हो जाएगा कम

हकीकत:पहला मिथ है कि कई बार लोग मानते हैं कि बस एक्सरसाइज करनी चाहिए फिर चाहे वो एक्सरसाइज कोई सी भी क्यों न हो. लेकिन यह बात बिल्कुल गलत है. क्या आप जानते हैं स्किनीफैटटर्म के बारें? शायद नहीं, तो आपको बता दूं कि जब आपके शरीर में फैट और दुबलापन एक साथ नजर आने लग जाता है, जैसे आपने कई लोगों को देखा होगा कि उनकी कमर, जांघे या बाहें काफी मोटी होती है लेकिन उनका शरीर पतला-दुबला ही होता है. इसका कारण यह है कि जब वे लोग एक्सरसाइज करते हैं तो वे या तो कॉर्डियो ज्यादा करने लग जाते है या बिना एक्सपर्ट के ही एक्सरसाइज करने लगते हैं. इसलिए जब भी वर्कआउट करें तो अपने ट्रेनर से पूछकर ही एक्सरसाइज करें ताकि आपको शरीर के जिस भाग का फैट कम करना है उसका फैटबर्न हो सके.

मिथ: वर्कआउट करते वक्त शरीर में दर्द होना जरूरी है

हकीकत: दूसरा सबसे बड़ा भ्रम है कि आप लोगों को लगता है कि जब तक एक्सरसाइज करते वक्त शरीर में दर्द पैदा न हो तब तक आपकी एक्सरसाइज अधूरी है. वहीं कुछ लोग मानते हैं कि जब शरीर में दर्द होने लगता है तो समझ लेना चाहिए कि आपका वजन कम हो रहा है. लेकिन ये सब बातें फालतू हैं एक्सरसाइज के दौरान धीरे-धीरे सांस लेना और छोड़ना या पसीना आना अच्छी बात है. लेकिन वर्कआउट के दौरान अपने शरीर के अंगों को ज्यादा स्ट्रेच करना और दर्द ज्यादा होना भी अच्छी बात नहीं है. यदि आपके किसी अंग में ज्यादा दिनों तक दर्द बना रहता है तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

मिथ: कार्बोहाइड्रेट नहीं खाना चाहिए मसल्स बनाने के लिए

हकीकत: तीसरा भ्रम है कि जो लोग बॉडी बना रहे होते हैं उन्हें कार्बोहाइड्रेट नहीं लेना चाहिए. लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है हमारे शरीर के लिए जितना प्रोटीन जरूरी है उतना ही कार्बोहाइड्रेट भी. कार्बोहाइड्रेट से ही शरीर में एनर्जी बनी रहती है. कार्बोहाइड्रेट के सेवन से ही मसल्स बनती हैं. यदि आप प्रोटीन युक्त भोजन का सेवन करते हैं तो यह मसल्स बनाने के दौरान होने वाली क्षति की पूर्ति में आपकी मदद करता है.

मिथ: खाली पेट वर्कआउट करना चाहिए

हकीकत: आमतौर पर लोगों का मिथ यह है कि अगर आप सुबह खाली पेट वर्कआउट करते हैं तो आपका जल्दी वेटलॉस होता है. लेकिन फिटनेस एक्सपर्ट और ट्रेनर का मानना है कि खाली पेट एक्सरसाइज करने से आपको बेवजह थकान ज्यादा हो जाती है. साथ ही आपकी एक्सरसाइज करने की कैपिसिटी भी कम हो जाती है. इसलिये वर्कआउट से पहले जूस, चाय या स्प्राउट्स खाना बेहतर रहता है.

मिथ: देर तक वर्कआउट करने से जल्दी बनते हैं मसल्स

हकीकत: कई बार लोग एक घंटे वर्कआउट की जगह 2 घंटे वर्कआउट करना शुरु कर देते हैं क्योंकि उन्होंने कहीं से सुना होता है कि जितना ज्यादा एक्सरसाइज उतनी जल्दी ही आपकी मसल्स और बॉडीशेप होता है. लेकिन ऐसा नहीं है क्योंकि आपकी मांसपेशियों को भी आराम की जरूरत होती है ऐसे में अगर आप उन पर लगातार जोर डालते रहेंगे, तो हो सकता है कि आपको कोई अंदरूनी चोट लग जाए.

मिथ:  स्‍क्‍वैट्सकरने से बढ़ जाते हैं कूल्हे

हकीकत: आमतौर पर महिलाओं का मानना है किस्क्वैट्स करने पर कूल्हे बड़े हो जाते हैं. इसलिये ज्यादा स्क्वैट्स सही नहीं रहते हैं लेकिन ट्रेनर का मानना है कि स्क्वैट्स करने से आपके कूल्हे मजबूत, सख्त और आकार में रहते हैं. आपके कूल्हे बड़े होने का कारण है आपका लगातार बैठकर काम करना न कि स्क्वैट्स मारना.

मिथ: रात में नहीं करना चाहिए वर्कआउट

हकीकत: कई बार लोग बोलते हैं कि रात के वक्त वर्कआउट नहीं करना चाहिए इससे अनिद्रा की समस्या पैदा हो सकती है. जबकि फिटनेस एक्सपर्ट्स का कहना है कि रात के वक्त एक्सरसाइज करने से आपके शरीर में एनर्जी बनी रहती है. आप सुबह जब जागते हैं तो आप तनाव रहित रहते हैं और सोने से पहले अपने आपको हल्का महसूस करते हैं.

मिथ: वर्कआउट में पसीना निकलना जरूरी है

हकीकत: जब आप वर्कआउट करते हैं तो आपके शरीर से पसीना निकलता है. इसका मतलब यह नहीं है कि आपका फैटबर्न हो रहा है. आपको बता दें कि पसीना आना फैटबर्न नहीं बल्कि वॉटरबर्न है.

मिथ: भारी वजन उठाने से मसल्स बनते हैं

हकीकत: कई बार महिलाएं भारी वजन उठाने वाले वर्कआउट करती हैं तो उनसे कहा जाता है कि उनका शरीर एक समय के बाद मर्दों जैसा दिखने लगेगा. जबकि ऐसा नहीं है, क्योंकि भारी वजन उठाने से आपकी मांसपेशियां मजबूत होती हैं. लेकिन अगर आप मसल्स बनाने के लिये भारी वजन उठाने की सोच रहे हैं तो आपकोमसल्स बनाने के लिये टेस्टोस्टेरोन की जरूरत है.

तो दोस्तों, ये है वर्कआउट से जुड़े झूठ. यदि आप वर्कआउट करने जा रहे हैं तो कही-सुनी बातों पर विश्वास न करें बल्कि किसी फिटनेस एक्सपर्ट या जिमट्रेनर से सलाह लेकर और अपने जिस अगं का फैटबर्न करना है उसके बारे में बात करके ही एक्सरसाइज करना शुरु करें, वरना आप अपने शरीर से खिलवाड़ कर लेंगे.

Deeksha Mishra

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