हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार हर इंसान को अपने जीवन में एक बार चार धामों के दर्शन जरूर करने चाहिए.
कहा जाता है कि चार धामों के दर्शन करने से मनुष्य के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मरने के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है.
कहा जाता है कि देश की एकता और हिंदू धर्म की पुर्नस्थापना के लिए शंकराचार्य ने भारत के चार अलग-अलग दिशों में चार धाम स्थापित किए.
माना जाता है कि भगवान विष्णु को समर्पित इन चारों धामों में विष्णु भगवान भारत के उत्तर में स्थित बद्रीनाथ में स्नान करते हैं. पश्चिम में स्थित द्वारका में वस्त्र पहनते हैं. पूर्व में स्थित पुरी में भोजन करते हैं और दक्षिण में स्थित रामेश्वरम में विश्राम करते हैं.
तो चलिए हम आपको ले चलते हैं भारत के इन चार धामों के दर्शन पर. ताकि आप अपने जीवन में कम से कम एक बार इन चार धामों के दर्शन कर भगवान विष्णु की कृपा के भागीदार बन सकें.
1 – बद्रीनाथ
उत्तराखंड में अलकनंदा नदी के किनारे स्थित बद्रीनाथ मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है. बद्रीनाथ मंदिर को बद्रीनारायण मंदिर भी कहते हैं. यह नर नारायण की गोद में बसा बद्रीनाथ नीलकंठ पर्वत का पार्श्व भाग है.
मान्यता है कि विष्णु भगवान ने इस पवित्र स्थान पर तपस्या की थी. इस धाम के दर्शन के लिए सबसे अच्छा समय मई से अक्टूबर तक का बताया गया है.
2 – जगन्नाथ पुरी
जगन्नाथ धाम उड़िसा के पुरी में स्थित है. कहा जाता है कि द्वापर के बाद भगवान श्रीकृष्ण पुरी में निवास करने लगे और जगन्नाथ बन गए.
यह मंदिर भगवान विष्णु के 8वें अवतार श्रीकृष्ण को समर्पित है. यहां भगवान जगन्नाथ बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ विराजते हैं. इस धाम की यात्रा आप अप्रैल से अक्टूबर के बीच कर सकते हैं.
3 – रामेश्र्वरम
तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में समुद्र के किनारे स्थित रामेश्वरम स्वामी मंदिर हिंदुओं के तीसरे धाम के तौर पर जाना जाता है. मान्यता है कि भगवान श्रीराम ने यहां भगवान शिव की पूजा की थी जिसकी वजह से इस धाम का नाम रामेश्वरम पड़ा.
इस पवित्र स्थल पर दो शिवलिंग मौजूद है, कहा जाता है कि इसमें से एक भगवान हनुमान हिमालय से लाए थे और दूसरा शिवलिंग देवी सीता ने रेत से बनाया था. इस धाम में आप अप्रैल से अक्टूबर तक दर्शन करने के लिए जा सकते हैं.
4 – द्वारका
गुजरात के पश्चिमी सिरे पर समुद्र के किनारे स्थित द्वारका धाम भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है. भगवान श्रीकृष्ण को द्वारका का राजा भी माना जाता है.
इस मंदिर को मोक्षपुरी के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यहां दर्शन मात्र से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस धाम के दर्शन के लिए मार्च से अक्टूबर तक का समय सबसे अच्छा माना जाता है.
इस तरह हर एक को चार धामों के दर्शन करने चाहिए. बहरहाल अगर आप भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने और मरने के बाद मोक्ष की इच्छा रखते हैं तो फिर अपने जीवन में एक बार इन चारों धामों के दर्शन जरूर करिए क्योंकि इन चारों धामों में श्रीहरि के साथ राम और कृष्ण भी आपको मिलेंगे.
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