महाभारत युद्ध के बाद हुई कुछ घटनायें – आज से 5000 साल पहले कुरुक्षेत्र पर लड़ी गई लड़ाई के बारे में कौन नही जानता.
इस युद्ध में धृत्राष्ट्र के 100 पुत्र और पांडव के 5 पुत्र शामिल थे, जिनमें से केवल धृत्राष्ट्र का एक पुत्र यूयूत्सू के अलावा सभी कौरवों की मृत्यु हो गई थी और उन पर पांडवो ने विजय प्रापत कर ली थी.
महाभारत के बारे में बताई गई अधिकांश बातें युद्ध के पहले और युद्ध के दौरान की हैं, लेकिन आज हम आपको महाभारत युद्ध के बाद हुई कुछ घटनायें बताने जा रहे हैं –
महाभारत युद्ध के बाद हुई कुछ घटनायें –
युद्ध समाप्त होने के बाद केवल ये 7 लोग जीवित रहे थे
पांडव, सत्यकी, कृपा, अश्वथामा, क्रितर्वम, यूयूत्सू और श्री कृष्ण ही जीवित रहे थे. युद्ध के बाद युधिष्ठिर हस्तिनापुर का सिन्हासन प्राप्त करने में सफल रहे थे.
श्री कृष्ण को मिला गांधारी का श्राप
युद्ध में अपने सभी बेटों की मृत्यु देख गांधारी को बहुत दुख हुआ जिसके कारण उन्होंने भगवान श्री कृष्ण को श्राप दिया कि उनका परिवार भी इसी तरह से विनाश का साक्षी होगा. गांधारी को भगवान श्री कृष्ण पर क्रोध इसलिए था क्योंकि कृष्ण ने अपनी दिव्य शक्तियों का इस्तेमाल युद्ध को रोकने की बजायपांडवों को जिताने में और उनके पुत्रों की हत्या में किया था. गांधारी के श्राप को पूरा होने में 36 साल का समय लगा.
द्वारका का डूबना
द्वारका समुद्र में डूब रही होती है, अर्जुन यादवों के कबीले को बचाने के लिए आते हैं और वो केवल बूढे पुरूषों, महिलाओं, बच्चों और भगवान श्री कृष्ण की 16 हजार पत्नियों को ही बचा पाए थे.
पांडवों का त्याग
अर्जुन अपनी युद्ध क्षमताओ पर सवला उठा रहे थे तब व्यास जी ने अर्जुन को समझाया कि जो उन पर निर्भर थे उनको बचाने में वे नाकामी रहे थे. व्यास ने कहा कि पांडवों ने अपने जीवन के उद्देश्य की पूर्ति कर ली है और अब उन्हें हिमालय की अंतिम यात्रा के लिए तैयार होना चाहिए. इसके बाद अर्जुन के पोते और अभिमन्यु के पुत्र परिक्षित को नया राजा बनाया गया था.
धर्म देवता की परीक्षा
जिस समय सभी पांडव हिमालय की यात्रा कर रहे थे उसी समय इंद्रदेव अपने रथ पर प्रकट हुए और उन्होंने युधिष्ठिर को अपने कुत्ते को वहीं छोड़कर अपने साथ आने के लिए कहा. युधिष्ठिर ने इंद्रदेव से कहा कि नहीं, अगर आपको मुझे लेकर जाना है तो आपको मेरे साथ इस कुत्ते को भी ले जाना होगा. वह कुत्ता वास्तव में धर्म देवता थे जो युधिष्ठिर के गुणों की परीक्षा ले रहे थे. अंत में युधिष्ठिर धर्म देवता के साथ इंद्र रथ पर स्वर्ग में प्रवेश करते हैं.
पुनर्मिलन
महाभारत के अनुसार कर्ण, पांडव, धृत्राष्ट्र और उनके बेटों ने एक दूसरे के प्रति शत्रुता और प्रतिद्वंदिता को छोड़कर स्वर्ग में पुनर्मिलन किया था.
ये सभी जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं. इस विषय के द्वारा हमारा किसी भी समाज, धर्म को कोई ठेस पहुंचाने का मकसद नहीं है.
ये थी महाभारत युद्ध के बाद हुई कुछ घटनायें – इस लेख को एकमात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है. यदि आपको हमारी यह जानकारी पसंद आति है तो इसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर जरूर शेयर करें.