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इन 2 देशों में 1 साल में होते हैं 13 महीने और 5 दिन का 1 महीना, वजह काफी रोचक है

इरिट्रिया और इथोपिया – आज तक आप सभी यही सोचते होंगे कि पूरी दुनिया में 12 महीने का 1 साल होता है और 7 दिन का एक सप्ताह होता है.

लेकिन मैं आपको बता दूं कि इस दुनिया में दो ऐसे भी देश है जहां 12 महीने का नहीं बल्कि 1 साल 13 महीने का होता है. ये कोई अफवाह नहीं बल्कि हकीकत है.

पूरी दुनिया में इन दो देशों को छोड़कर बाकी सभी देशों में 12 महीने के 1 साल होते हैं और महीने में 31, 29, 30 और 28 दिन होते हैं. लेकिन यहां हम जिन देशों की बात कर रहे हैं वहां की बात अलग है यहां 5 दिन का 1 सप्ताह होता है.

इरिट्रिया और इथोपिया में होते हैं 13 महीने

अफ्रीका महाद्वीप के ये दोनों देश हैं जहां 13 महीने का 1 साल और 5 दिन का 1 सप्ताह होता है. हर साल सितंबर के महीने में ये लोग न्यू ईयर का सेलिब्रेशन करते हैं. दरअसल इस देश में जिस कैलेंडर को फॉलो किया जाता है वो दूसरे देशों से पूरी तरह अलग है.

जिस तरह यहां दूसरे देशों के अलावे साल अलग होते हैं ठीक उसी तरह यहां का समय दूसरे देशों से अलग है. इस देश में 1 बजे सूर्योदय होता है और 12 बजे सूर्यास्त होता है.

हममें से कई लोग ऐसे होते हैं जो अपने दिन की शुरुआत कॉफी से करना पसंद करते हैं. लेकिन आपको इस बात की जानकारी नहीं होगी कि आज जो कॉफी हम पी रहे हैं वो इसी देश की देन है.

आज हम मनुष्य के तौर पर जो सुकून भरी जिंदगी जी रहे हैं आपको बता दें हमारे पूर्वज का जन्म स्थान यही है. पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की हुई है. साल 1972 की बात है जब दो वैज्ञानिकों को इस देश में 3.2 मिलियन साल पुराना होमिनीड स्केलेटन भी प्राप्त हुए थे.

इरिट्रिया और इथोपिया अफ्रिका का वही जगह है जहां पर मनुष्य ने सबसे पहले अपने पैरों पर खड़े होकर चलना सीखा था. या आप ये भी कह सकते हैं कि ये जगह मनुष्य का जन्म स्थान है.

इतना ही नहीं ये देश क्रिश्चियन धर्म का जन्मदाता भी है. पुरातत्व विभाग के अनुसार अध्ययन में इस बात की पुष्टि की गई है कि ये देश विश्व का सबसे पहला क्रिस्चियन देश हुआ करता था. हालांकि कुछ शोधकर्ता अमेरिका को भी क्रिश्चियन धर्म का जन्मदाता मानते हैं.

इरिट्रिया और इथोपिया ऐसा देश है जो 30 साल तक अकाल की मार से ग्रसित रहा है. बावजूद इसके इकोनॉमी स्तर पर काफी तेजी के साथ ग्रोथ करने के मामले में विश्व का पहला देश है.

पिछले कुछ समय में यहां लगभग 100 लोगों से ज्यादा की मृत्यु हो गई है. दरअसल यहां की जनता को बदलाव चाहिए. और इसकी आवश्यकता भी है यहां के लोगों को. लेकिन वहां की सरकार है जो जनता को फोर्सली दबाने का काम करने में लगी हुई है. यूएन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए यहां की सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार यहां के कुछ इलाकों में फौज का इस्तेमाल जरूरत से ज्यादा ही करने का काम कर रही है.

दोस्तों, अगर आप छुट्टियों में कहीं घूमने की प्लानिंग कर रहे हैं और किसी ऐतिहासिक जगह की सैर करना चाहते हैं तो इरिट्रिया और इथोपिया आपके लिए निश्चित रूप से सबसे बेहतर विकल्प हो सकता है.

Khushbu Singh

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