यूं तो जरायम की दुनिया में कई ऐसे अपराधी हुए हैं जिन्होंने अपने आतंक से लोगों में दहशत का ऐसा माहौल कायम किया कि लोग उनका नाम सुनते ही घबरा जाते थे.
लेकिन वहीं डर की इस कहानी का एक दूसरा रूप भी है.
इस कहानी में नाम आता है दुनिया उन्हें एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के नाम से जानती है.
आज हम जिनकी बात करने जा रहे हैं उन एनकाउंटर स्पेशलिस्ट का अपराधियों में खौफ इस कदर था कि उनका नाम सुनते ही बड़े से बड़े अपराधी और माफिया डॅान को पसीना छूट जाता था.
एनकाउंटर स्पेशलिस्ट –
1 – एसीपी राजबीर सिंह
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल में एसीपी राजबीर सिंह आतंकवादियों और माफियों के बीच आतंक था. राजबीर सिंह ने स्पेशल सेल में रहते हुए दिल्ली के कई माफिया को साफ किया बल्कि आतंकवादियों को तो राजधानी से दूर भागने पर मजबूर कर दिया. दिल्ली के एकलौते ऐसे ऑफिसर थे जिन्हें मात्र 13 साल में एसीपी बना दिया गया था. बाद में एक संपत्ति विवाद में राजवीर की गुड़गांव में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी.
2 – दया नायक
एनकाउंटर स्पेशलिस्टों की दुनिया में जो नाम सबसे अधिक चर्चा में रहा वो नाम है दया नायक का. आपको याद हो तो नाना पाटेकर की एक फिल्म थी. अब तक छप्पन. जी हां ये फिल्म दया नायक की लाइफ को लेकर बनी थी. अपने करियर में दया 83 एनकाउंटर कर चुके हैं.
3 – प्रदीप शर्मा
महाराष्ट्र पुलिस में रहे प्रदीप शर्मा वो नाम है जिन्हें देश के सबसे खतरनाक एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के तौर पर जाना जाता है. आंकड़े कहते हैं कि वह एनकाउंटर का शतक लगा चुके हैं. वे 113 अपराधियों का एनकाउंटर कर चुके हैं. लखन भइया और नारायण गुप्ता एनकाउंटर से चर्चा में आए प्रदीप शर्मा को 2009 में निलंबित कर दिया गया था. हालांकि 2013 में एक अदालत ने उन्हें निर्दोष करार दिया था.
4 – सालसकर
एक समय मुंबई के कुख्यात अरुण गावली गैंग के कट्टर विरोधी सालसकर के नाम से अपराधी कांपते थे. सालसकर ने अपने 25 साल के करियर में 90 अपराधियों का एनकाउंटर किया था. लेकिन सालसकर की मुंबई पर हुए 26 नवंबर को हमले के दौरान गोली लगने से मौत हो गई थी. इस वीरता के लिए उन्हें मरणोपरान्त अशोक चक्र दिया गया था.
5 – अरूण कुमार
अरूण कुमार की गिनती उत्तर प्रदेश के तेज तर्रार अधिकारियों में की जाती है. यूपी में माफियों के खिलाफ एसटीएफ बनाने और कुख्यात माफिया सरगना श्रीप्रकाश शुक्ला सहित तमाम बड़े अपराधियों को मार गिराने में इनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही है. अरूण कुमार के उपर शहर मूवी भी बन चुकी है.
6 – नवनीत सिकेरा
नवनीत सिकेरा को यूपी में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के तौर पर जाना जाता है. अपराध के दृष्टि से उत्तर प्रदेश के सबसे खतरनाक जिले रहे मेरठ और मुजफ्फरनगर तैनाती के दौरान सिकेरा ने करीब 100 से अधिक अपराधियों को ठिकाने लगाया है. मेरठ कचहरी में दिन दहाड़े हुए एनकांउटर को लेकर भी नवनीत सिकेरा काफी चर्चा में रहे थे.
7 – सचिन हिंदुराव वाजे
मुंबई में जब भी आतंकवादी घटना या कोई बड़ा अपराध हुआ है तो उस घटना से मुस्लिम बहुत मुंब्रा का संबंध अवश्य जुड़ा है. लेकिन सचिन हिंदुराव वाजे वो शख्स है जिनका नाम सुनते ही मुंब्रा ही नहीं आस पास के इलाकों में आपराधियों को सांप सूंघ जाता है. गौरतलब है कि वाजे ने मुन्ना नेपाली, कृष्णा सेट्टी और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों समेत 63 अपराधियों का एनकाउंटर किया है.
8 – अजित ओगरे
छत्तीसगढ़ पुलिस के इंस्पेक्टर अजित ओगरे अब तक 53 नक्सलियों का एनकाउंटर कर चुके हैं. ओगरे का खौफ नक्सलियों के बीच इस कदर है कि उनका नाम नक्सलियों ने अपनी हिटलिस्ट के टॉप-5 में शामिल किया है. कई सरेंडर नक्सलियों ने तो पुलिस अफसरों को यह भी बताया है कि ओगरे को मारने के लिए नक्सलियों ने स्पेशल टीम तक बनाई हुई है. ओगरे आज भी सोते समय बिस्तर पर अपने साथ बंदूक लेकर सोते हैं.
ये है एनकाउंटर स्पेशलिस्ट – पुलिस और गैंगस्टरों के बीच एनकाउंटर हमेशा से ही विवाद और डिबेट का विषय रहा है. माफिया के आतंक से पीडित लोगों के लिए एनकाउंटर स्पेशलिस्ट जहाँ हीरो के तौर पर जाने गए हैं, तो वहीँ मानवाधिकारवादियों ने एनकाउंटर को गैर कानूनी माना हैं. लेकिन इन सब के बावजूद एनकाउंटर और एनकाउंटर स्पेशलिस्ट समाज की सच्चाई है.
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