- आपको बता दें कि यह धमाके सन्डे के दिन किये गये हैं जब इसाई लोग बड़ी संख्या में चर्च में प्रार्थना करने आते हैं. इन बेकसूर लोगों ने शायद ही कभी आईएसआईएस काकुछ बिगाड़ा हो. लेकिन जिस धर्म को यह मानते हैं शायद उसी आतंकवाद के धर्म में मासूम लोगों की जान लेने की बात बोली गयी होगी.