अंतरिक्ष यात्रा – विज्ञान अंतरिक्ष की दुनिया में बहुत आगे पहुंच चुका है।
हाल ही में खबर आई थी कि अब मानव अपनी दुनिया मंगल पर भी बसाएगा। चांद पर भी अंतरिक्ष भेजकर वहां जीवन की संभावनाओं के बारे में पता लगाया जा रहा है।
क्या आपने कभी सोचा है कि अंतरिक्ष में बैठकर दूसरे ग्रहों की यात्रा करने वाले इन अंतरिक्ष यात्रियों की सेहत पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है।
चलिए आज हम आपको बताते हैं कि अंतरिक्ष यात्रा पर जाने के बाद मानव के शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है।
अंतरिक्ष यात्रा
1 – हड्डियां हो जाती हैं कमज़ोर
अंतरिक्ष में यात्रा करने का सबसे बड़ा नुकसान यही है कि इससे हड्डियां कमज़ोर हो जाती हैं। अंतरिक्ष यात्रा के बाद जब तक आप जीवित रहेंगें आपकी हड्डियां दिन-प्रतिदिन कमज़ोर होती चली जाएंगीं।
2 – आंखों में तकलीफ
वैज्ञानिकों ने 27 एस्ट्रोनॉट्स जो 108 दिन स्पेस पर रहकर आए थे, उन पर एक टेस्ट किया जिसमें उनकी आंखों का चेकअप किया गया। इस टेस्ट में पाया गया कि 22 प्रतिशत लोगों की आंखों की पुतलियां पीछे से दब गई थीं।
3 – ह्रदय रोग
वैज्ञानिकों का कहना है कि अंतरिक्ष में ह्रदय अपना आकार बदल लेता है और यह स्फियर के आकार का हो जाता है। ऐसा अंतरिक्ष में शरीर में खून का सर्कुलेशन कम होने के कारण होता है। धरती पर वापिस आने पर इनका ब्लडप्रेशर लेवल गिर जाता है। इस वजह से इन्हें चक्कर आने लगते हैं और थकावट महसूस होती है।
अंतरिक्ष यात्रा – नासा ने दो एस्ट्रोनॉट्स को सालभर के लिए अंतरिक्ष में रखा और उसके बाद धरती पर लौटने पर उनके शरीर में होने वाले बदलावों पर रिसर्च की। इसी रिसर्च के आधार पर ये जानकारी मिल पाई है कि अंतरिक्ष में जाने से मानव के शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इस तरह की रिसर्च अंतरिक्ष यात्रा को आसान और कम तकलीफदेह बनाने के लिए की जाती है।