चिकन में मिलावट – कोई कहता है कि चिकन खाना बुरा है तो कोई इस बात को नकारता है।
लेकिन इस रिपोर्ट को पढ़ने के बाद आपको शायद जानकर हैरानी होगी की जो चिकन आप खा रहे हैं, उसमें केवल चिकन ही नहीं चिकन के अलावा ऐसी बहुत सारी चीजें भी हैं जो भी बुरी है।
आपको दुकानों में बड़ी तादाद में चिकन बिकते हुए नजर आते होंगे। लेकिन कभी आपने सोचा है कि क्या वो वाकई चिकन होता है?
हां… आपको कैसे मालूम? अब संदेह होने लगा। ना ना संदेह मत करिए बल्कि ये रिपोर्ट पढ़िए।
इस रिपोर्ट के अनुसार दुकानों में बिकने वाले चिकन में चिकन के साथ और भी कई चीजें बुरी होती हैं, चिकन में मिलावट है। लेकिन क्या आपको मालूम है कि वो सेहत के लिए ठीक होता भी है कि नहीं?
चिकन में मिलावट –
सबवे का चिकन?
सबवे का चिकन शायद चिकन नहीं है। ये हम नहीं सीबीसी मार्केट प्लेस की रिपोर्ट कह रही है। हाल ही में सीबीसी मार्केट प्लेस ने एक पड़ताल की थी जिसमें पता चला है कि सबवे के चिकन सैंडविच में जो चिकन इस्तेमाल होता है, उसका सिर्फ 42.8 फीसद हिस्सा ही चिकन होता है। सबवे की सबसे फेमस डिश है सलाद चिकन जिसके बारे में सबवे दावा करता है कि वो रोस्टेड चिकन के जितना ही हेल्दी है। जबिक इस सलाद चिकन में भी केवल 53.6 फीसद ही चिकन ही होता है।
कौआ बिरयानी
फिल्म रन में जब विजय राज चिकन बिरयानी के ऊपर सवाल खड़ा करता है तो उस पता चलता है कि वो तो कौआ बिरयानी है। उस सीन पर आप सब खूब हंसे होंगे। लेकिन वो सीन तो आपके साथ रोजाना क्रिएट हो रहा है।
दरअसल मार्केट में पाए जाने वाले चिकन में कभी-कभी आधा हिस्सा भी चिकन नहीं होता।
बाकी का हिस्सा क्या?
लेकिन चिंता करने का विषय ये नहीं है कि आधा भी हिस्सा चिकन नहीं होता। बल्कि चिंताजनक बात ये है कि बाकी का हिस्सा होता क्या है? असल में वो जीएम यानी जेनेटिकली मॉडिफाइड सॉय प्रोटीन होती है, जो कंपनी को बेहद सस्ती पड़ती है और कंपनियां उन्हें खरीद कर चिकन की जगह में परोसते हैं। लेकिन दिक्कत ये है कि ये सॉय प्रोटीन काफी अनहेल्दी होते हैं। सीबीसी मार्केटप्लेस ने जो जांच की थी तो उसमें मालूम चला था कि सबवे के सैंडविच में पचास से ज्यादा ऐसी चीजें मिली होती हैं। इनमें से 16 चीजें तो चिकन में ही मिली पाई गईं।
सबवे के उत्पादों का ये परीक्षण कनाडा की ट्रेंट यूनिवर्सिटी की वाइल्डलाइफ फोरेंसिक डीएनए लैब में किया गया था। हैरानी की बात है कि मार्केट में जो सबवे से मुकाबला करने वाली दूसरी कंपनियां है उनके उत्पादों में 85 से 90 फीसद तक चिकन पाया गया।
मिलावट के नाम पर कुछ भी
ब्रिटेन में एक ग्राहक ने लीसेस्टरशायर के प्रशासन को चिकन नगेट को लेकर कंपलेन की थी। इसके बाद स्थानीय प्रशासन ने लगभग 17 दुकानों से 21 नमूनों को लिया और उनकी जांच की। एक तिहाई नमूनों में तो प्रोडक्ट के बारे में गलत लेबल लगाकर जानकारी दी गई थी। एक पैकेट ऐसा था जिसमें दावे से 30 फीसद कम, कुल 16 प्रतिशत मांस ही पाया गया। ये किस ब्रांड के थे, ये तो लीसेस्टरशायर प्रशासन ने नहीं बताया।
तो अब आप समझ सकते हैं कि चिकन में मिलावट कितनी है – हर दिखने वाली चीज अच्छी हो जरूरी नहीं। चिकन में चिकन के अलावा भी ऐसी चीजें होती हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होते हैं। लेबल पढ़ना चाहिए लेकिन खुद से भी एक बार जांच करना चाहिए।