“नशा शराब में होता तो नाचती बोतल”
शायर ने लिख दिया और लोगो ने मान भी लिया.
पर नशा तो शराब में होता ही है. इसलिए ड्रिंक एंड ड्राइव करना मना है. पर लोग ये मानते दिख नहीं रहे. पहले सलमान खान का हिट एंड रन केस हो या फिर जाह्नवी गाड़कर (वकील) का नशे में गाड़ी चलाना और अपना आपा खो देना हो.
मुंबई पुलिस के सामने कल एक अजीब घटना हुई. ऐसी जैसे किसी फिल्म की शूटिंग चल रही हो. ड्रंक ड्राइविंग चेक के वक़्त जब पुलिस ने एक महिला की गाड़ी को रोका तो उसने खुद को ना सिर्फ गाडी में बंद कर लिया बल्कि पुलिस को गालियाँ देनी भी शुरू कर दी. मुंबई के रसूखदार परिवार की शिवानी बाली की बदतमीजी यहीं नहीं रुकी. पुलिस के बार-बार बाहर निकलने के लिए कहने पर भी वो नहीं मानी. खुद को 2 घंटे गाड़ी में बंद रखा और एक पैकेट सिगरेट के फूंक डाले.
इस बीच लगातार पुलिस और मीडियाकर्मियों को गाली देती रही. महिला पुलिस के आने पर भी शिवानी जब बाहर नहीं निकली तो पुलिस को गाड़ी का शीशा तोड़कर उन्हें बाहर निकलना पड़ा. उसके बाद भी शिवानी लगातार पुलिस और मीडिया को कोसती रही और एक कैमरापरसन को मारने की कोशिश भी की.
महिला ने भागने की भी कोशिश की. पर पुलिस ने उसे अरेस्ट कर लिया.
उसके बाद उसे मोटर व्हीकल एक्ट के धारा 185 के तहत 2000 रु. और IPC की धारा 110 के तहत 1200 रु. का जुर्माना भरकर जाने की इजाज़त मिली.
अगर हम पिछले कुछ सालों का रिकॉर्ड देखे तो बहुत ही कम महिलाये “ड्रंक एंड ड्राइव” में पकड़ी गयी हैं.
मुंबई और दिल्ली पुलिस की माने तो, ऐसा नहीं की शराब पी के गाडी चलाने वाली महिलाओं की संख्या कम है, पर पुरुष पुलिस बल ज्यादातर महिलाओं के ड्रंक लेवल चेक करने में सकपकाते हैं. इससे निपटने के लिए अब महिला पुलिस की संख्या बढाई जानी चाहिए जो महिला ड्राईवर का ड्रंक ड्राइविंग चेक कर सके.
और अब ऐसा किया भी जा रहा है. रात को पुरुष कांस्टेबल के साथ अब महिला कांस्टेबल भी दिखाई देंगी.
पुलिस के बीच भी एक आम मान्यता ये रही की पुरुष शराब पीते हैं और अपनी वाइफ या साथी को गाड़ी चलाने देते हैं.
ऐसे में कई महिलाओं की जांच किये बगैर पुलिस उन्हें जाने देती थी. पर अब ऐसा नहीं होगा. चलो हम इसे यही कहेंगे “देर आये दुरुस्त आये”.