दिल्ली के सबसे मशहूर स्कूल डीपीएस रोहिणी सेंटर ने हाल ही में छात्राओं की ड्रेस को लेकर एक फरमान जारी किया है.
और ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी स्कूल में छात्र इसका विरोध कर रहे हो. 10 जून 2018 को डीपीए सरोहीणी की ओर से लड़कियों के लिए गाइडलाइन जारी की गई है. जिसमे साफ तौर से कहा गया है कि, छात्राओं को स्किनकलर की ब्रा के साथ-साथ समीज यानी white slips पहनना भी अनिवार्य होगा. जिसकी वजह से अब लड़कियों को तीन लेयर के कपड़े पहनने होंगे. अब जरा स्कूल प्रशासन से कोई ये पुछे कि इतनी गर्मी में भला कोई भी व्यक्ति कैसे तीन-तीन कपड़े पहन सकता है.
१ – कुछ ऐसे जारी हुआ ये फरमान
इस घोषणा के बाद ये माना जा रहा है की इस कदम को स्कूल प्रशासन ने लड़कों के कारण उठाया है, अर्थात लड़कों को लड़कियों के विकर्षण से बचाने के लिए ऐसा करना अनिवार्य किया गया है. फरमान में यहाँ तक की ये भी शामिल था कि लड़कियों को केवल स्किनकलर की ब्रा ही पहननी होगी यानी तीन लेयर के कपड़े पहनना अनिवार्य हो जाएगा. यही नहीं बल्कि ये भी सुनिश्चित करना होगा कि ब्रा दिखाई ना दे रही हो. यहाँ तक की उस जगह पर कई और अधिक बटन लगाने को भी कहा गया है. जिससे अंदर की त्वचा दिखाई ना दे.
२ – साप्ताहिक असेंबली में दिए गए निर्देश
स्कूल के छात्रों से पता चला कि पिछले कई दिनों से क्लास नौ से लेकर 12वी के बच्चों की साप्ताहिक असेंबली आयोजित कराई जा रही थी. जब असेंबली खत्म हो गई तो टीचर्स द्वारा लड़कों को जाने के लिए कहा गया और सभी लड़की छात्राओं को रोक लिया गया. जिसके बाद लड़कियों को कहा गया कि, शर्ट में और अधिक बटन लगाए, जिससे बटनों के बीच की जगह से स्किन ना दिखाई दे.
३ – लड़कों को भी दिए गए निर्देश
डीपीएस रोहिणी में ना केवल लड़कियों के लिए बल्कि लड़कों के लिए भी ड्रेसकोड से जुड़े निर्देश जारी किए गए हैं. जिसमें कहा गया है कि लड़कों को भी शर्ट के अंदर सफेद रंग का बनियान पहननी होगी. वह कलरफुल बनियान पहनकर स्कूल ना आए. इसके बाद लड़कों को केवल बनियान के लिए निर्देश जारी किए गए वही दूसरी ओर लड़कियों के लिए स्कर्ट तक पर फरमान जारी किया गया, जिसके अनुसार सभी लड़कियों को ये गाइडलाइन दी गई कि स्कर्ट की लंबाई घुटनों के नीचे तक होनी चाहिए.
डीपीएस रोहिणी के इस कदम के बाद स्कूल के पूर्व विद्यार्थियो ने फेसबुक पर पोस्ट लिख कर इन निर्देशों का विरोध किया है, और साथ ही कहा है की स्कूल प्रशासकों को अपनी सोच को बदलने की जरूरत है. हम सभी छात्रों को स्कूल ड्रेसकोड से कोई प्रोबल्म नहीं है लेकिन इनके अंदर ऐसे बेकार बदलाव लाना एक बेवकूफी है. इस नए ड्रेसकोड से लड़कों को और लड़कियों को सभी को बेहद समस्याएँ आ सकती हैं, अगर प्रशासन ये ड्रेसकोड लागू ही करना चाहता है तो उन्हें इसे सर्दियों जैसे समय में करना चाहिए गर्मियों में किसी भी स्टूडेंट के लिए ऐसा ड्रेसकोड फ़ॉलो करना बेहद मुश्किल रहेगा.