जो सोता है वो खोता है… जो जागता है वो पाता है…
लेकिन अगर ये कहे कि जो सोता है वो नोबेल पुरूस्कार पाता है तो ?
बचपन से यही सुनते रहे है ना हम सब. वैसे देखा जाए तो ये बात लगभग सही भी है. सफलता तो तभी मिलेगी ना जब जागेंगे. लेकिन कभी कभी ऐसा होता है कि जागते हुए हम वो नहीं सोच पाते जो गहरी नींद में सोच लेते है.
ऐसे उलझे सवालों के जवाब जो सुलझाने में नाकामयाब रहे हो नींद में बिना सोचे समझे ही सुलझ जाते है.
मैरी शैली
1816 में लिखी गयी Frankenstein की कहानी को दुनिया की पहली विज्ञान फतांसी माना जाता है. क्या आप यकीन करेंगे कि इस कहानी को मात्र 18 वर्ष की मैरी शैली ने लिखा था. जब शैली लार्ड बेरोन के साथ स्विट्ज़रलैंड की यात्रा पर थी तो एक बर्फीले तूफ़ान की वजह से वो लोग फंस गए.
समय बिताने के लिए दोनों ने भुतिया कहानी लिखने का फैसला लिया. धीरे धीरे मैरी को कहानियां सुझनी बंद हो गयी. एक रात आधी नींद में मैरी को सपना आया कि क्या होगा अगर किसी मुर्दे में जान आ जाए .
इस भयानक सपने से मैरी की नींद टूट गयी और उसके बाद मैरी ने जो लिखा वो कालजयी कहानी बन गयी. कहानी एक ऐसे राक्षस की जिसे एक वैज्ञानिक ने बनाया. इस कहानी का सबसे बड़ा सबक था कि अगर हम प्रकृति से खिलवाड़ करेंगे तो प्रकृति हमें नष्ट कर देगी.
एक मुर्दे को जिन्दा करने की कोशिश में Frankenstein पैदा हुआ और उसने बनाने वाले वैज्ञानिक को ही मार दिया. मैरी की ये कहानी इतनी प्रसिद्ध है कि आज तक इस कहानी पर फ़िल्में और नाटक बनते रहते है.
अल्बर्ट आइन्स्टीन
आइन्स्टीन को दुनिया का सबसे तेज़ दिमाग और बुद्धिमान व्यक्ति माना जाता है. उनके जैसा शायद ही कोई दूसरा कभी पैदा हो. अल्बर्ट आइन्स्टीन ने सापेक्षतावाद और प्रकाश की गति जैसी क्रांतिकारी खोजें की. लेकिन क्या आप जानते है कि प्रकाश की गति की के बारे में आइन्स्टीन ने स्वप्न के जरिये जाना था.
आइन्स्टीन ने सपने में देखा कि वो एक बर्फीले पहाड़ पर दौड़ लगा रहे है और दौड़ते दौड़ते उनकी गति इतनी तेज़ हो गयी कि वो उन्होंने प्रकाश को पीछे छोड़ दिया है. इस सपने से आइन्स्टीन को प्रेरणा मिली प्रकाश की गति का पता लगाने में.
नील्स बोहर
क्वांटम फिजिक्स के पिता माने जाने वाले नील्स बोहर जिन्होंने ने परमाणु की सरंचना की खोज की थी. बोहर एक बहुत ही तेज़ दिमाग थे. परमाणु के केंद्र और इलेक्ट्रान प्रोटोन के बारे में वो हर समय सोचते रहते थे, लेकिन इसकी सही सही सरंचना को नहीं खोज पार रहे थे.
एक दिन नींद में उन्हें परमाणु का केंद्र और उसके चारों तरफ इलेक्ट्रान दिखाई दिए. ये सरंचना लगभग सौर मंडल जैसी थी. बोहर उसी समय उठे और उस सरंचना को कागज़ पर उतार दिया.
बोहर की परमाणु सरंचना विज्ञान के क्षेत्र की सबसे बड़ी खोजों में से एक थी. इसके लिए बोहर को नोबेल पुरूस्कार से भी सम्मानित किया गया. देखा कैसे एक सपने ने बोहर को नोबेल पुरूस्कार दिलवा दिया.
श्रीनिवासन रामानुजन
विश्व के सबसे महान गणितज्ञों में से एक श्रीनिवासन रामानुजन. जिन्होंने अपने जीवन काल में करीब 3000 फार्मूले दिए. रामानुजन का कहना था कि उन्हें विभिन्न गणीतिय सूत्रों का हल सपनों के जरिये मिला. बहुत बार उन्होंने सपने में सवाल हल किये और जागने पर उनको सत्यापित करके उनकी प्रमाणिकता सिद्ध की.
पाई की असीमित श्रृंखला का हल भी रामानुजन को सपने में ही मिला था.
औगुस्त केकुले
रसायन विज्ञान में शायद सबसे ज्यादा लोग जिस रासायनिक सरंचना को पहचानते है वो है केकुले कि बेंजीन सरंचना. बेंजीन सरंचना की खासियत ये है कि अन्य कार्बनिक रसायन जहाँ रेखीय सरंचना में होते है वही बेंजीन की सरंचना वृत्तीय होती है. बेंजीन सरंचना रसायन विज्ञान की सबसे महत्वपूर्ण सरंचना है. इसकी खोज के लिए केकुले को विशेष सम्मान दिया गया था.
बेंजीन सरंचना की खोज के बारे में केकुले ने बताया कि एक बार नींद में उन्होंने एक सपना देखा जिसमे एक सांप अपनी ही पूँछ को पकडे था. उस सपने से उन्हें बेंजीन सरंचना के बारे में समझ आया.
देखा आपने कैसे एक सपने ने दुनिया बदल दी. ना सिर्फ इन महान हस्तियों की अपितु पूरी दुनिया की. है ना आश्चर्यजनक बात के नोबेल पुरूस्कार दिलाने वाली खोजें, विज्ञान के क्रांतिकारी आविष्कार और साहित्य की कालजयी रचनाओं की प्रेरणा नींद में मिली. इसीलिए कहते है कि अपने सपनों को कभी कम मत समझो ना जाने कौनसा सपना कब आपकी किस्मत बदल दे.
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