भारत में सूखा – अगस्त में केरल में बाढ़ आई ती जिसमें जान-माल की काफी हानि हुई।
उस बाढ़ में मरने वालों की संख्या बढ़कर करीब 491 से ज़्यादा हो गई। कम से कम बीस दिन बाढ़ का कोहराम मचा और अब हालात काबू में है। हालात के काबू आते ही केरल सरकार ने बाढ़ के बाद राज्य के हालात का वैज्ञानिक अध्ययन कराने का फैसला लिया है। क्योंकि केरल सरकार को अब सूखे की आशंका है।
घट रहा जलस्तर
केरल सरकार ने यह फैसला इसलिए लिया, क्योंकि बाढ़ के एक महीने बाद ही नदियों और कुओं में पानी का स्तर असामान्य तेजी से घट रहा है। विशेषज्ञों ने राज्य के दक्षिणी हिस्से के कई जिलों में सूखे की आशंका जाहिर की है। ये प्रकृति की विडंबना ही है कि पिछले महीने जहां जिस राज्य में बाढ़ आई थी वहीं अगले महीने से सूखे की आशंका जन्म लेने लगी। बाढ़ के बाद जैसे ही हालात में काबू में आए वैसे ही राज्य का तापमान तेजी से बढ़ने लगा है। नदियों-कुओं के जलस्तर और भू-जल स्तर में गिरावट आई है। इन बातों को लेकर विशेषज्ञों ने चिंता जाहिर की है।
ऐसा लगता है कि यूएन की कही बात सच होने वाली है। यूएन ने हाल ही में यह चेतावनी दी थी कि भारत में सूखा पड़ सकता है। यह चेतावनी यूएन ने अल-नीनो के प्रभाव को देखते हुए दी थी।
विश्व ऋतु विज्ञान संगठन ने की भविष्यवाणी
विश्व ऋतु विज्ञान संगठन ने भविष्यवाणी की है कि इस वर्ष के अंत-अंत तक 70% संभावना है कि एक अल-नीनो (Al Nino) विकसित हो। अल-नीनो, ENSO के गरम होने वाले श्रेणी को कहते हैं।
अल-नीनो (Al Nino) के कारण आएगा भारत में सूखा
अल-नीनो के प्रभाव को देखते हुए संगठन ने अनुमान लगाया है कि अधिकांश एशिया-प्रशांत क्षेत्र, यूरोप, उत्तरी अमेरिका, अफ्रीका और दक्षिणी अमेरिका के तटीय प्रदेशों में धरातलीय तापमान ऊँचा रहेगा। केवल दक्षिणी अमेरिका के अन्दरूनी हिस्से जैसे ग्रीनलैंड, कई दक्षिण प्रशांत महासागरीय द्वीप और कुछ कैरीबियाई द्वीप ही बचे रहेंगे।
जैसा कि भारत एशिया में आता है और हर साल भारत में सूखा पड़ता ही है। इस कारण ही भारत में सूखा पड़ने की अधिक आशंका है।
क्या है ENSO?
ENSO का full form, El Nino Southern Oscillation है। इसके नाम से मालूम चल रहा है कि जब पवनों और समुद्र-तल के तापमान में अनियमित और सामयिक परिवर्तन आता है जो उष्ण कटिबंधीय पूर्वी प्रशांत सागर में होता है। ENSO जब गरम होता है तो उसे अल-नीनो कहते हैं और जब ये ठन्डा होता है तो इसे ला नीना (La Nina) कहते हैं।
El Nino क्या है?
El Nino के एक जलवायवीय चक्र है जिसके अंतर्गत प्रशांत महासागर के पशिमी क्षेत्र में हवा का दबाव ऊँचा होता है और पूर्वी प्रशांत सागर में हवा का दबाव कम होता है। अल नीनो के प्रभाव से एशियाई समुद्र तल के तापमान में 8 डिग्री सेल्सियस का उछाल आ सकता है।
अब जैसा कि भारत समुद्र किनारे स्थित है तो इसका सबसे ज्यादा असर भारत पर ही देखने को मिलेगा। इसके अलावा पूर्वी प्रशांत महासागर क्षेत्र में स्थित देशों इक्वेडोर, पेरू और चिली पर इसका प्रभाव देखने को मिल सकता है।
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…
दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…
सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…
कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…
दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…
वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…