आपका भाग्य

शास्त्रों के अनुसार इन 5 जगहों पर जूते-चप्पल पहनकर जाने से दुर्भाग्य पड़ जाता है पीछे!

जूते-चप्पल पहनकर – हमारे प्राचीन शास्त्रों में लाइफ स्टाइल से जुड़ी कई बेहतरीन बातें लिखी है अगर इन बातों को मानकर हम इनका पालन करें तो हमें इसके कई फायदे हो सकते है.

इसलिए आज हम आपको हमारे रोजाना की जिंदगी की कुछ छोटी-छोटी बातें बताने जा रहे है जिनको हम आज तक अनदेखा करते आये है. दरअसल जूते-चप्पल से संबंधित कुछ ऐसी बातें है जिनका ध्यान न रखने पर बहुत सारी अनचाही समस्याओं से रूबरू होना पड़ता है. हमारे यहाँ पर सदियों से रिवाज़ है कि जब भी हम बाहर से आते है तो घर के दरवाजे पर ही जूते-चप्पल उतार देते है.

इससे बाहर की गंदगी घर में नहीं आती है और घर साफ़-सुथरा रहता है.

वैसे तो घर से बाहर जूते-चप्पल उतारने की भारत में प्राचीन परम्परा है लेकिन इसके कई साइंटिफिक फैक्ट भी है.

आज हम आपको शास्त्रों में वर्णित जूते-चप्पल की कुछ जरुरी बातें बताने जा रहे है. शास्त्रों में इन 5 जगहों पर जूते-चप्पल पहनकर जाने की मनाही की गई है, ऐसा कहा जाता है कि इन जगहों पर जूते-चप्पल पहनकर जाने से दुर्भाग्य पीछे पड़ जाता है.

तो आइये जानते है किन पांच जगहों पर जूते-चप्पल पहनकर नहीं जाना चाहिए-

1. पैसों की तिजोरी के पास-

जब भी आप पैसों की तिजोरी में कोई सामान रखे या कोई सामान निकाले तब जूते या चप्पल जो भी आप ने पहना हो उसको जरुर उतार दे. इस बात का विशेष ध्यान रखने से देवी लक्ष्मी की हमेशा आप पर कृपा बनी रहती है.

2. भंडार गृह में जाते समय-

भंडार गृह जहाँ पर आप अनाज आदि चीज़े रखते हो वहां पर जाते समय जूते-चप्पल को बाहर ही उतार दें. ऐसा कहा जाता है कि भंडार गृह में जूते-चप्पल पहनकर जाना अशुभ होता है. इसलिए इस बात का ध्यान रखने से कभी भी आपके घर में अन्न की कमी नहीं होती है.

3. रसोई घर में जाते समय-

रसोई घर में जाते समय भी जूते-चप्पल बाहर ही उतार देवे, क्योंकि हमारे शास्त्रों में अन्न और अग्नि को देव तुल्य माना गया है. इसलिए रसोई घर में जूते-चप्पल पहनकर जाने को गलत कहा गया है और ऐसा करने से अन्न और अग्नि हमेशा के लिए रूठ जाते है.

4. किसी पवित्र नदी में जाते समय-

पवित्र नदियों में स्नान करने को पूण्य की श्रेणी में रखा गया है, लेकिन अगर इन्ही नदियों में जूते चप्पल-पहनकर प्रवेश करते है तो आप पाप का भागीदार बनते है इसलिए जब भी आप किसी पवित्र नदी में प्रवेश करें तब जूते चप्पल और चमड़े की वस्तुएं बाहर ही रख दें.

5. मंदिर में जाते समय-

ये तो हम सभी जानते है कि मंदिर में जूते-चप्पल पहनकर नहीं जाना चाहिए. ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि मंदिर में देवताओं का वाश होता है और अगर हम मंदिर में जूते-चप्पल पहनकर प्रवेश करते है तो इससे देवी-देवता रूठ जाते है.

प्राचीन शास्त्रों के अनुसार इन पाँच जगहों पर गलती से भी जुते-चप्पल पहनकर नहीं जाएँ. इन जगहों पर जूते-चप्पल पहनकर जाने से दुर्भाग्य आपके पीछे पड़ सकता है इसलिए इन जगहों पर जाने से पहले जूते-चप्पल बाहर ही उतार देवे.

Sudheer A Singh

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Sudheer A Singh

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