यह न भूल
मासूम बच्चियों को गर्भ में ही मारने वाले,
यह ना भूल की मोक्ष देने वाली माँ गंगा भी एक औरत हैं.
बच्चियों को बोझ समझ कर उसे शिक्षा से वंचित रखने वाले
यह ना भूल की पैगंबर साहब का वंश भी बेटियों से ही आगे बढ़ा हैं
अपने बेटे के लिए दुल्हन खोजते वक़्त, दहेज की मांग करने वाले,
यह न भूल की मदर मैरी भी एक औरत हैं.
बहु को घर लाकर उसपर अत्याचार करने वाले
यह ना भूल कि तेरी बहन/बेटी भी किसी और की बहु है
राह चलती औरतों को छेड़ने वाले
यह ना भूल की जिस स्तन को तू निहारता हैं, बचपन में उसी स्तन ने तुझे दूध भी पिलाया है
मासूम बच्चियों या बूढी माँ तक को अपनी हवस का शिकार बनाने वाले,
यह न भूल कि जिस शक्ति कि तू नौरात्र को आराधना करता है, वह शक्ति भी एक माँ है
बुढ़ापे में औरत को घर से निकाल कर उसे बेघर करने वाले
यह न भूल की तुझे आसरा देने वाली माँ भारती भी एक औरत हैं.
भारत में प्रति वर्ष अनहद महिला शोषण और १५ लाख कन्या भ्रूण हत्या होती है,
कहीं न कहीं हम भी उसके लिए ज़िम्मेदार हैं
बस अबसे कुछ साल बाद
ना बेटी होगी, ना औरत होगी, और ना ही महिला दिवस होगा.
इसलिए #saynowomensday