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जानिए मोदी के लिए ट्रंप ने इन देशों को नजरअंदाज कर क्यों मिलाया है फोन

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप

ऐसा शायद ही कभी हुआ जब अमेरिका के किसी राष्ट्रपति ने भारत को इतनी प्राथमिकता दी हो.

इस बात का पता इससे चलता हे कि शपथ लेने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने दुनिया के जिन देशों के प्रमुखों से सबसे पहले बात की उनमें भारत प्रमुख है. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने दुनिया के बड़े देश माने जाने वाले रूस, फ्रांस, ब्रिटेन,चीन और जापान को नजरअंदाज कर भारत को प्राथमिकता दी है.

यह दुनिया में भारत एक उभरती ताकत और बदलती भू राजनैतिक परिस्थितयों का परिचायक है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप का चीन को नजरअंदाज करना तो समझ में आता है लेकिन रूस, फ्रांस, ब्रिटेन और जापान के उपर भारत को वरीयता देने को लेकर जानकार भी हैरान है.

गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने 24 जनवरी की रात भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया.

माना जाता है कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के बीच काफी दोस्ती है. अमेरिका और रूस की आपसी प्रतिद्वंदिता के बावजूद इन दोनों की दोस्ती काफी गहरी मानी जाती है.

ऐसे में ट्रंप द्वारा राष्ट्रपति बनने के बाद पुतिन से पहले मोदी को फोन किया जाना भारत के लिए काफी सकारात्मक संकेत माना जा सकता है.

राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप ने जिन राष्ट्राध्यक्षों को फोन कर बातचीत की है, उनमें मोदी पांचवें नंबर पर हैं. ट्रंप ने सबसे पहले कनाडा के और मेक्सिको, फिर इजरायल और मिस्र के प्रमुखों को फोन किया.

इन चारों देशों के बाद उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत की. ट्रंप ने रूस, चीन, जापान या फिर किसी भी अन्य यूरोपीय देश से पहले भारतीय प्रधानमंत्री को फोन मिलाया. यह बात काफी अहमियत रखती है. इससे जहां भारत-अमेरिका के मजबूत रिश्तों का संकेत मिलता है. तो वहीं अमेरिका देख रहा है कि एशिया में भारत ही एक देश जो उसके प्रतिद्वंद्वी चीन को टक्कर देने की हैसियत और हौंसला रखता है.

हालांकि 27 जनवरी को ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टरीसा मे वॉशिंगटन पहुंच रही हैं. राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप के साथ किसी भी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष की यह पहली मुलाकात होगी.

लेकिन गौर करनेे वाली बात है कि यह मुलाकात ब्रिटेन की पहल पर हो रही है न कि अमेरिका की.

बहरहाल, भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जिस प्रकार मजबूती से आगे बढ़ रहा है उस पर दुनिया की बड़ी ताकतों की नजर है.
हाल में भारत ने जिस प्रकार पाकिस्तान के बलोचिस्तान हो या साउथ चाइना सी हों, वहां खुलकर पाकिस्तान और चीन के सामने स्टैंड लिया है उसने दुनिया को हतप्रभ कर दिया है.

वहीं भारत रक्षा क्षेत्र में जिस तेजी से आगे बढ़ रहा है वह भी अमेरिका को आकर्षित कर रहा है.

विश्लेषकों का मानना है कि भारत में मोदी और उनकी राष्ट्रवादी विचारधारा को 2014 में जैसी जीत मिली थी उसने भी भारत को लेकर दुनिया को अपनी सोच में बदलाव करने के लिए प्रेरित किया है.