4 – विभीषण को अपने पक्ष में करना
श्रीरामचरित मानस के मुताबिक जब हनुमान जी लंका में माता सीता की खोज कर रहे थे, तभी उन्होंने किसी के मुंह से भगवान श्रीराम का नाम सुना. तब हनुमानजी ने ब्राह्मण का रूप धारण कर विभीषण से उनका परिचय पूछा. अपना परिचय देने के बाद विभीषण ने हनुमानजी से उनका परिचय पूछा. तब हनुमानजी ने उन्हें सारी बात बता दी.
रामभक्त हनुमान को देखकर विभीषण बहुत प्रसन्न हुए और हनुमान के कहने पर विभीषण रावण को छोड़कर श्रीराम की शरण में आए. विभीषण को अपने पक्ष में करने का काम हनुमान के अलावा शायद ही कोई कर पाता.