कुछ दिन बाद शिवरात्रि आने को है.
शिवरात्रि भगवान शिव के उपासकों के लिए सबसे बड़ा त्यौहार होता है. इस दिन उपवास रखा जाता है और शिव की पूजा अर्चना की जाती है.
जैसा की हम जानते है भगवान शिव के भी अनेकों रूप है. ऐसे में भक्तगण असमंजस में रहते है कि शिव की किस रूप में पूजा की जाए.
आज हम आपको बताते है शिव के अलग अलग रूप और उनकी पूजा करने से मिलने वाले अलग अलग फल
एक पैर वाले शिव
इस प्रकार की शिव प्रतिमाएं बहुत कम होती है. इस प्रतिमा में भगवान् शिव के एक पैर चार हाथ और तीन आँखे होती है. शिव के इस रूप के साथ उनके एक ओर विष्णु और दूसरी और ब्रह्मा होते है.
शिव के इस स्वरुप की पूजा करने पर सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है और जीवन से दुःख और क्लेश दूर होते है.
शिव पार्वती और नंदी
यदि आपको संतान सुख चाहिए तो शिव और पार्वती की नंदी बैल पर बैठी हुई प्रतिमा की पूजा अर्चना करनी चाहिए.
शिव पार्वती की इस मुद्रा में बैठी हुई प्रतिमा की पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है.
शिव और गण
इस प्रकार की शिव प्रतिमा भी कुछ स्थानों पर देखि जाती है. इस प्रतिमा में भगवान शिव अपने सभी गणों और नंदी बैल के साथ होते है.
इस प्रतिमा की पूजा उपासना करने से मान सम्मान की प्राप्ति होती है और प्रसिद्धि मिलती है.
अर्धनारीश्वर
शिव के इस रूप में एक ही शरीर में शिव और शक्ति दोनों उपस्थित होते है. शिव के इस अनोखे रूप को अर्धनारीश्वर कहा जाता है.
अविवाहित पुरुष यदि शिव के इस रूप की पूजा करते है तो उन्हें मनवांछित पत्नी मिलती है और उनका वैवाहिक जीवन भी बहुत सुखी रहता है.
ध्यान मग्न शिव
बदन पर भस्म रमाये, चेहरे पर असीम शांति लिए ध्यान की मुद्रा में बैठे शिव की प्रतिमा की विधिवत आराधना करने से मानसिक शांति मिलती है. साड़ी चिंताएं और तनाव से मुक्ति मिलती है.
श्वेत शिव
भगवान शिव की अधिकतर मूर्तियाँ काले रंग की ही होती है. यदि उपासक को धन संपत्ति प्राप्त करनी हो तो उसे भगवान भोले शंकर की विशेष सफ़ेद प्रतिमा का पूजन करना चाहिए.
चार हाथ और त्रिनेत्र रूप में गले में सांप, सर पर गंगा और हाथ में कपाल धारण किये हुए शिव की श्वेत प्रतिमा के पूजन से धन सम्पति की प्राप्ति होती है और परिवार में खुशहाली आती है.
रथ पर सवार शिव
रथ पर बैठे और हाथ में धनुष बाण और अन्य अस्त्र शस्त्र लिए हुए शिव का पूजन करने से सभी रोग विकार दूर होते है. शिव के इस रूप की पूजा करने से शत्रु भी परास्त होते है.
ये थे शिव के विभिन्न रूप और उन रूपों की पूजा करने से मिलने वाले फल. अब आप जान गए है कि किस प्रकार के कष्ट के निवारण के लिए किस रूप में शिव की उपासना करने पर कष्टों का निवारण होता है.
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