लड़का लड़की – हम सभी धरती पर भगवान की कृतियां हैं और हर किसी को अपनी रची गई कृतियों से बहुत प्यार होता है, इसी तरह भगवान को भी हमसे जरूर ही प्रेम होगा तभी तो उन्होंने मनुष्य जाति को इतना खास बनाया है।
लड़का लड़की को सिक्के के दो पहलू कह सकते हैं। दोनों ही दुनिया को एक अलग नज़रिए से देखते हैं। यहां तक कि इनके रहन-सहन में भी बहुत अंतर होता है। लड़का और लड़की का नज़रिया बहुत अलग होता है। जैसे कि लड़कियों को लड़कों की तुलना में ज्यादा इमोशनल बताया जाता है और लड़कों के बारे में कहा जाता है कि वो बहुत सख्त होते हैं।
आज हम आपको लड़कों और लड़कियों के देखने के नज़रिए के बारे में ही बताने जा रहे हैं। इन बातों के बारे में जानकर आपको भी यकीन हो जाएगा कि लड़का लड़की अलग तरह से सोचते हैं।
१ – कपड़े चेंज करना
कपड़े चेंज करनी की आदतों के बारे में बात करें तो इस मामले में दोनों ही बहुत अलग होते हैं। ज्यादातर लड़के पीठ के ऊपर से खींचकर टीशर्ट उतारना पसंद करते हैं तो वहीं लड़कियां अपने दोनों हाथों को ऊपर उठाकर ऐसा करती हैं। लड़के तो तरह-तरह के स्टाइल अपना लेते हैं लेकिन ज्यादातर लड़कियां इसी तरीके से कपड़े उतारती हैं।
२ – हाथ दिखाने का अंदाज़
जब आप अपना हाथ दिखाने के लिए कहेंगें तो लड़के और लड़कियों के हाथ दिखाने का अंदाज़ बहुत अलग होगा। लड़का हथेली और लड़कियां दूसरी तरफ का हिस्सा सामने रखती हैं।
३ – जम्हाई लेना
आपने अपने आसपास के लोगों को कभी ना कभी जम्हाई लेते हुए देखा होगा। लड़कों को नींद आ रही है और जम्हाई आ जाए तो वो मुट्ठी बंद करके भी अपने मुंह पर रख लेते हैं या ऐसा ही सबको दिखा देते हैं कि मैं जम्हाई ले रहा हूं। लेकिन ये चीज़ लड़कियां कभी शो नहीं करती हैं कि उन्हें नींद आ रही है जितना हो सके वो इससे बचने का प्रयास करती हैं। जब उन्हें जम्हाई आती है तो वो सीधा हाथ खोलकर अपने मुंह पर रख लेती है।
४ – दुख व्यक्त करना
अपने दुख को प्रकट करने का तरीका भी लड़के और लड़कियों का अलग-अलग होता है। तकलीफ होने पर लड़कियां बुरी तरह रोना शुरु कर देती हैं तो वहीं लड़के अपने किसी बेस्ट फ्रेंड को कॉल करते हैं। लड़के सोशल मीडिया का भी इस काम के लिए खूब इस्तेमाल करते हैं। दुख के समय लड़के अपने दोस्तों के पास चले जाते हैं।
५ – बैठने का तरीका
लड़का और लड़की के बैठने का स्टाइल भी बहुत अलग होगा है। लड़कियां अपने काम से फ्री होने के बाद चाहे कितनी भी थकी हुई क्यों ना हों वो कभी भी लड़कों की तरह पसरकर नहीं बैठती हैं। उनके बैठने का सलीका होता है। वहीं लड़के तो मानो पहाड़ तोड़कर आए हों इसलिए वो पूरा पसरकर बैठ जाते हैं।
अब तो आप समझ गए ना कि लड़का लड़की के रहने से लेकर सोचने तक का तरीका कितना अलग है। जी हां, इसके अलावा कई और भी बातें होंगीं जिनसे आप इन दोनों के बीच के अंतर को समझ पाएंगें।
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