डायमंड कारिगरों की नौकरी – हीरा व्यापार से जुड़े कारोबारियों की मुश्किलें बढ़ने वाली है।
दरअसल हीरा व्यापार से जुड़े कई लाख कारोबारियों पर बेरोजगारी का खतरा मंडरा रहा है। हीरा व्यापार से जुड़े जानकारों का कहना है कि आने वाले 6 महीनों में देश की डायमंड इंडस्ट्री से जुड़े हर पांच में से एक हीरा व्यापारी पर बेरोजगारी का खतरा मंडरा रहा है। ये खतरा इंपोर्ट ड्यूटी के बढ़ जाने से मंडरा रहा है।
क्या है ये पूरा मामला और क्यों मंडरा रहा है हीरा कारोबारियों पर खतरा
एक ओर जहां हीरा व्यापारियों का गढ़ कहे जाने वाले सूरत के हीरा कारोबारी सावजी भाई अपने 600 कारोबारियों को कार और फ्लैट गिफ्ट में दे रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर तरफ वहीं के करीबन 1 लाख हीरा कारोबारियों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की माने तो प्रत्येक 5 कारोबारियों में 1 कारोबारी पर बेरोजगारी का खतरा मंडरा रहा है।
खबरों के मुताबिक हीरे पर इंपोर्ट डयूटी अब और अधिक बढ़ गई है। जिस कारण हीरो का रि-कटिंग और रि-डिजाइन का कारोबार अब चीन और थाइलैंड जैसे देशों में शिफ्ट होने के कयास लगाये जा रहे हैं।
हीरा कारोबारियों पर मंडरा रहे इस खतरे को लेकर जेम्स और ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रोमोशन काउंसिल के वाइस चेयर पर्सन कोलिन शाह का कहना है कि अगले 6 महीने में सूरत के डायमंड कारोबारियों से ड्यूटी बढ़ने, हीरा कारोबार में दिक्कत और साथ ही नकदी की कमी के कारण 1 लाख डायमंड कारिगरों की नौकरी चली जाएंगी। इतना ही नहीं उन्होंने हीरा कारोबार के चीन और थाइलैंड जाने के कयासों पर भी मुहर लगाते हुए कहा कि अब भारत में रि-किंटग के लिए आने वाला हीरा चीन और थाइलैंड चला जाएगा।
हीरा कारोबारियों को लेकर किये गए एक अध्ययन में पाया गया है कि भारत में कुल 5 लाख हीरा कारोबारी काम करते हैं।
गौरतलब है कि सरकार ने 26 सितंबर को कट और पॉलिश्ड हीरों पर इंपोर्ट ड्यूटी को 5 फीसदी से और बढ़ाकर 7.5 फीसदी कर दिया है। साथ ही हीरा व्यापार में नकदी की भी कमी आ गई है, क्योकि कोलैटरल नॉर्म्स और रोटिंग नॉर्म्स कड़े हो गए है।
व्यापार में 31.83 फीसदी की गिरावट
सरकरा द्वारा इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने के बाद से मौजूदा वित्त वर्ष के पहले 6 महीने में कट और पॉलिश्ड डायमंड के आयात 31.83 प्रतिशत गिरकर 5,289.35 करोड़ रूपये हो गया है। वहीं बात अगर पिछले साल की करे तो यह 7,759.48 करोड़ रूपये था। इस मामले पर हीरा कारोबारी शाह का कहना है कि इस समय हीरा कारोबारियों के पास बिजनेस चलाने के लिए पर्याप्त वित्तिय संसाधन नहीं हैं, और डॉलर के मुकाबले रूपये में आई गिरावट के कारण नकदी की भी कमी है।
डायमंड कारिगरों की नौकरी – इसके अलावा घरेलू बाजार में भी डायमंड की बिक्री में भी कमी आ गई है। हीरा कारोबारी शाह ने बताया कि केरल में बाढ़ आने के बाद से हीरा मार्केट में भी सुस्ती आ गई है। इस साल के 2018 के अंतिम 6 महीनों में बिक्री पर बुरा असर पड़ा है। हालांकि हीरा कारोबारियों को साल 2019 की शुरूआत से बिक्री के रफ्तार पकड़ने की उम्मीद है।