धर्मपाल गुलाटी – सपने तो हर कोई देखता है लेकिन उन्हें मेहनत और लगन से पूरा करने की हिम्मत बहुत ही कम लोगों में होती है।
आमतौर पर कहा जाता है कि पढ़ाई करने से इंसान बड़े से बड़ा आदमी बन सकता है लेकिन ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने इस बात को गलत साबित किया है। भारत के अलावा भी दुनियाभर में ऐसी कई हंस्तियां हैं जो कम पढ़ी-लिखी होने के बावजूद आज पूरी दुनिया पर राज कर रहीं हैं।
आज हम आपको एक ऐसी ही शख्सियत के बारे में बताने जा रहे हैं जो कम पढ़े-लिखे होने के बावजूद देश के सबसे बड़े उद्योगपतियों में आते हैं।
एमडीएच मसालों का नाम तो आपने सुना ही होगा। आज ये दुनिया के सबसे टॉप मसालों के ब्रांड में अपनी पहचान बना चुका है और इसे यहां तक पहुंचाने का श्रेय किसी और को नहीं बल्कि इसके संस्थापक धर्मपाल गुलाटी जी को जाता है। 95 साल की उम्र में धर्मपाल गुलाटी की सैलरी 20 करोड़ रुपए है जबकि वो सिर्फ पांचवी पास हैं।
धर्मपाल गुलाटी भारतीय खुदरा बाज़ार में बिकने वाले उत्पाद के रूप में सबसे अधिक सैलरी पाने वाले सीईओ हैं। एमडीएच के पैकेट पर उन्हीं की तस्वीर छपती है। पांचवी पास धर्मपाल गुलाटी ने अपनी मेहनत और लगन के दम पर आज मसालों का इतना बड़ा कारोबार स्थापित किया है।
पिछले साल गुलाटी जी ने करीब 20 करोड़ की सैलरी ली है। कंपनी अपने मसालों की कीमत प्रतिद्वंदियों से कम रखकर मार्केट में छाई हुई है। एमडीएच मसालों के बादशाह कहे जाने वाले गुलाटी जी दिल के भी बादशाह हैं। वो अपनी कमाई का 90 प्रतिशत हिस्सा समाज कल्याण पर खर्च कर देते हैं।
धर्मपाल गुलाटी जी द्वारा बनाए गए एमडीएच ब्रांड के मसाले दुनियाभर में निर्यात किए जाते हैं। इस तरह कम पढ़े-लिखे होने के बावजूद गुलाटी जी ने पूरी दुनिया में अपना और भारत का नाम रोशन किया है।