विशेष

भारत की इस तोप के आगे दुनिया की कोई तोप कहीं नहीं ठहरती है

प्रत्येक भारतवासी को यह जानकर गर्व होगा कि भारत ने डीआरडीओ और टाटा के साथ मिलकर एक ऐसी तोप बनाई है जिसके आगे दुनिया के अन्य देशों की तोप कहीं नहीं ठहरती है.

धनुष नामक इस तोप पर काम यूं तो कई वर्षों से चल रहा था, लेकिन अब जो धनुष तोप का नया संस्करण डीआरडीओं ने पेश किसा है वह पहले से कहीं ज्यादा मारक है.

भारत बोफोर्स से दो पीढ़ी आगे की अत्याधुनिक तोप धनुष का उन्नत संस्करण तैयार लगभग तैयार है. दुनिया की बेहतरीन तोपों को टक्कर देने वाली धनुष के उन्नत संस्करण का बैरल तैयार कर लिया गया है.

आपको बता दें दुनिया की सबसे बेहतरीन तोपों में गिनी जाने वाली बोफोर्स तोप जो कि भारतीय सेना की आर्टिलरी बेडे़ में शामिल है, धनुष तोप उससे कहीं आगे है. धनुष तोप का बैरल सात मीटर लंबा है, जबकि एडवांस धनुष का बैरल आठ मीटर लंबा है. आठ मीटर लंबी तोप सिर्फ अमेरिका, इजरायल और रूस के पास है. धनुष तोप तकनीकी रूप से भी मौजूदा तोपों से कही बेहतर है. अब भारत को अपने आर्टिलरी बेडे को मजबूत करने के लिए स्वीडन, अमेरिका, रूस या फिर किसी भी अन्य देश पर निर्भर होना नहीं पड़ेगा.

मेक इन इंडिया’ के तहत बनाई जा रही धनुष तोप ऊपर हुए सभी परिक्षण सफल हुए है. नई तोप का बैरल परीक्षणों में खरा उतरा है. इतना ही नहीं नए बैरल की खासियत यह कि इसे बोफोर्स में भी आसानी से फिट किया जा सकता है.

धनुष तोप को तीस साल पुरानी बोफोर्स की जगह तैनात किया जाएगा. 1987 में 414 बोफोर्स तोप स्वीडन से आयात की गईं, जिसमें से अभी 300 तोपें ही तैनात हैं.

वहीं सेना ने आर्डनेंस फैक्ट्री कानपुर को 414 धनुष तोपों का आर्डर दिया गया है. आप को बता दें कि पहले चरण में 114 तोपें तैयार करनी थीं जिसमें से कुछ की आपूर्ति की जा चुकी है. रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने भी इस उपलब्धि की सराहना की है.

आप को बता दें कि धनुष और एडवांस धनुष देश की पहली ऐसी तोप है, जिसके 90 फीसदी उपकरण भारत में ही निर्मित हैं.

खास बात यह कि आर्डनेंस फैक्ट्री कानपुर ने बोफोर्स का बैरल अपग्रेड कर उसे भी आधुनिक बना दिया है. जिसके बाद इस तोप भी नए बैरल में नए दौर के बारूद का इस्तेमाल हो सकेगा.

आप को जानकर हैरानी होगी कि वर्ष 2011 में बोफोर्स तोप की टेक्नोलॉजी भारत को देने और भारत में ही बोफोर्स का उत्पादन करने के लिए स्वीडन की कंपनी ने करीब 4 साल का समय मांगा था.

लेकिन आर्डनेंस फैक्ट्री कानपुर को जब यह मालूम हुआ तो उसने बोफोर्स से बेहतर नई तोप बनाने का प्रस्ताव सेना को दिया. सेना ने उसे सिर्फ 18 महीने का वक्त दिया.

लेकिन आर्डनेंस फैक्ट्री कानपुर और डीआरडीओ रिकॉर्ड समय में बोफोर्स से बेहतर नई तोप बनाकर सेना को सौंप दी. सेना को देने से पहले इससे 2000 राउंड फायर किए गए. सेना ने भी सियाचिन और राजस्थान में करीब 1500 राउंड टेस्ट फायर करने के बाद इसे बेड़े में शामिल किया.

Vivek Tyagi

Share
Published by
Vivek Tyagi

Recent Posts

इंडियन प्रीमियर लीग 2023 में आरसीबी के जीतने की संभावनाएं

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…

2 months ago

छोटी सोच व पैरो की मोच कभी आगे बढ़ने नही देती।

दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…

3 years ago

Solar Eclipse- Surya Grahan 2020, सूर्य ग्रहण 2020- Youngisthan

सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…

3 years ago

कोरोना के लॉक डाउन में क्या है शराबियों का हाल?

कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…

3 years ago

क्या कोरोना की वजह से घट जाएगी आपकी सैलरी

दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…

3 years ago

संजय गांधी की मौत के पीछे की सच्चाई जानकर पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक जाएगी आपकी…

वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…

3 years ago